पाकिस्तानी अखबार 'जंग' की रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि शहर में सक्रिय अपराधियों ने अपने समूह के सदस्यों के लिए सरकारी संस्थाओं की तर्ज पर सामाजिक कल्याण के लिए कार्यक्रम भी बनाए हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीक्यूएम के सरगना और उसके एक साथी की गिरफ्तारी के बाद उनके कारनामों के खुलासे हुए हैं। इनके और साथियों की तलाश में पुलिस जगह-जगह छापे मार रही है।
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एक पुलिस अधिकारी ने अखबार को बताया कि इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन डकैतों ने आपसी संपर्क के लिए 'डकैत कौमी मूवमेंट' नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। ग्रुप एडमिन वारदात की योजना बनाते हैं और डकैती की एक वारदात को आम तौर से ग्रुप के चार या पांच सदस्यों द्वारा अंजाम दिया जाता है।
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पुलिस अफसर ने कहा कि पूछताछ में डकैतों ने बताया कि कॉल डेटा रिकार्ड की चपेट में आने से बचने के लिए उन्होंने एकदूसरे को कॉल करने के बजाए वाट्सएप का सहारा लिया। गिरफ्तार होने वाले सदस्यों के कानूनी खर्च की जिम्मेदारी ग्रुप के सदस्य उठाते हैं। अगर इनका कोई साथी पुलिस कार्रवाई में जख्मी हो जाता है तो ग्रुप के सदस्यों की जिम्मेदारी होती है कि वे उसका इलाज कराएं। गिरफ्तार सदस्य के घरवालों को आर्थिक मदद भी दी जाती है।
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