पाकिस्तान में विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद अब इमरान खान के सत्ता से बाहर होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सोमवार को विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
प्रस्ताव दो दिन के अवकाश के बाद पेश किया गया और इसकी अध्यक्षता नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने की। शरीफ ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, "मैं अनुरोध करूंगा कि आप (सूरी) इस वस्तु (अविश्वास प्रस्ताव) को सदन में पेश करने की अनुमति दें।"
Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST
इसके बाद मतदान किया गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जो प्रस्ताव पेश किया गया है, वह अनिवार्य सांसदों द्वारा समर्थित है या नहीं। नेशनल असेंबली यानी एनए के नियम अविश्वास प्रस्ताव को तभी पेश करने की अनुमति देते हैं, जब एनए के कम से कम 20 प्रतिशत सदस्यों द्वारा इस कदम का समर्थन किया जाता है। यानी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 68 मत पड़ने जरूरी है।
खान के भाग्य का फैसला 31 मार्च को होगा, जब सदस्य मतदान करेंगे। हालांकि, गृह मंत्री शेख राशिद ने पहले कहा था कि मतदान 4 अप्रैल को हो सकता है, जिससे सत्ताधारी पार्टी को अविश्वास प्रस्ताव को बेअसर करने को लेकर संख्या बढ़ाने के लिए और समय मिल जाएगा। 31 मार्च को खान के भाग्य का फैसला नहीं होने की स्थिति में विपक्ष सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहा है।
Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के अध्यक्ष फजल-उर-रहमान के इस्लामाबाद पहुंचने के साथ लॉन्ग मार्च के आगमन और सड़क पर विरोध प्रदर्शन के साथ इस्लामाबाद पहले से ही उन्मादी राजनीतिक गतिविधियों से भरा हुआ है। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) शासन के तहत बढ़ती महंगाई के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
अगर अविश्वास प्रस्ताव प्रत्याशित स्क्रिप्ट के अनुसार असर नहीं दिखाता है, तो इस भीड़ का गुस्सा बेकाबू होने की भी संभावना है। खान को बाहर करने के लिए विपक्ष को 172 सांसदों के समर्थन के साथ जादुई आंकड़ा पार करना होगा।
Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST
जम्हूरी वतन पार्टी के शाहजैन बुगती के रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने के फैसले के बाद, संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या 178 हो गई है। इसके साथ ही विपक्ष के पास 163 सदस्यों का समर्थन है, जो आवश्यक संख्या से केवल 9 कम हैं।
पीएमएल-क्यू, बलूचिस्तान अवामी पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान - तीन प्रमुख सरकारी सहयोगियों को 17 एमएनए का सामूहिक समर्थन प्राप्त है। अब इन्हें तय करना है कि वे किस ओर वोट करेंगे।
इस स्थिति के बीच, सत्तारूढ़ पीटीआई के एक दर्जन से अधिक असंतुष्टों ने खुले तौर पर सरकार की नीतियों की आलोचना की है, हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अपना वोट देंगे। वोटिंग होने तक हॉर्स ट्रेडिंग (नेताओं की खरीद-फरोख्त) के बड़े पैमाने पर सरपट दौड़ने की उम्मीद है।
Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST
खान के पास स्थिति संभालने के लिए अब अधिक विकल्प नहीं बचे हैं। अब जबकि अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है, प्रधानमंत्री पाकिस्तान के मूल कानून के तहत सदन को भंग करने और नए चुनाव का आह्रान करने की सिफारिश नहीं कर सकते। विश्वास मत हारने की स्थिति में, विपक्षी पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ नई सरकार बनाएंगे।
रविवार को ताकत का प्रदर्शन करते हुए पीएम खान के समर्थकों द्वारा 'फ्लैग मार्च' किए जाने के बाद इस्लामाबाद में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार को अस्थिर करने के लिए विदेशी शक्तियों को दोषी ठहराया।
(यह आलेख इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)
Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST
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Published: 29 Mar 2022, 4:00 PM IST