चीनी शहर शंघाई में हजारों बुजुर्ग कोविड-19 लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जो अब पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च की शुरुआत में प्रकोप शुरू होने के बाद से, 500,000 से अधिक लोगों ने वायरस से पॉजिटिव परीक्षण पाए गए, जिसमें 337 मौतें हुई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से लगभग 10,000 लोग 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
चीन के कोविड नियमों के अनुसार, संक्रमित या उसके निकट संपर्को को राज्य द्वारा संचालित क्वोरंटीन सेंटर में भेजा जाता है। ऐसे केंद्रों में सैकड़ों लोगों का एक साथ होना कोई असामान्य बात नहीं है।
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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में गंदे शौचालयों और भरे हुए कूड़ेदानों के साथ अस्वच्छ स्थिति दिखाई दे रही है।
शंघाई में एक महिला ने बीबीसी को बताया कि उसकी 90 वर्षीय दादी, जो ऐसे ही एक सेंटर में हैं गंदगी की स्थिति से जूझ रही है। वह ठीक से सो नहीं पा रही हैं और उन्हें खुद की देखभाल करने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब उन्हें डर है कि उनके 91 वर्षीय दादा भी पॉजिटिव पाए गए हैं और उन्हें भी ऐसे ही सेंटर में भेजा जाएगा। उनका कहना है कि यह प्रभावी रूप से मौत की सजा होगी। महिला ने बीबीसी को बताया कि उनकी दादी सबसे पहले बीमार पड़ी थीं।
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प्रकोप शुरू होने के बाद से कभी घर से बाहर नहीं निकलने के बावजूद महिला 17 अप्रैल को पॉजिटिव पाई गई थीं।
शहर में केवल 62 प्रतिशत बुजुर्गों को ही दोनों टीके लगाए गए हैं, जिनमें से लगभग 38 प्रतिशत ने बूस्टर शॉट प्राप्त किया है।
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