अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक का अनुमान है कि रूस इस साल के अंत में होने जा रहे अमेरिका के मध्यावधि चुनावों को निशाना बना सकता है। सीआईए प्रमुख माइक पोंपियो ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि यूरोप और अमेरिका की सरकारों को अस्थिर करने के रूस के प्रयासों में कोई कमी नहीं आई है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख से यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी चिंता नवंबर में होने जा रहे मध्यावधि चुनावों को लेकर है, तो उन्होंने कहा, "यकीनन। मुझे उम्मीद है कि रूस इसके लिए लगातार कोशिश करेगा।" हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अमेरिका एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सक्षम होगा और हम इस तरह से प्रतिरोध करेंगे कि उनका हमारे चुनाव पर ज्यादा प्रभाव नहीं होगा। पोंपियो ने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया आगामी कुछ महीनों में अमेरिका पर परमाणु हमला करने में सक्षम हो सकता है।
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सीआईए निदेशक ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि रूस ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था। बीबीसी से बातचीत में पोंपियो ने कहा कि उनका मिशन सीआईए से बोझ कम करना है, जिसके खुफिया आकलन सिर्फ सैन्य गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि राजनीतिक विवादों का भी आधार हो सकते हैं।
पोंपियो ने कहा कि हालांकि, अमेरिका का रूस के साथ आतंकवाद रोधी अभियानों में पूर्ण सहयोग रहा है, लेकिन फिर भी वह रूस को मुख्य तौर पर एक विरोधी के रूप में ही देखते हैं। सीआईए ने 2017 में रूस के सेंट पीर्ट्सबर्ग में आतंकवादी हमले को रोकने में मदद की थी। सीआईए प्रमुख ने कई यूरोपीय देशों में रूस की दखल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "उनकी (रूस) गतिविधियों में किसी तरह की खास कमी नहीं आई है।"
इससे पहले भी रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगते रहे हैं। ये आरोप राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में चुनाव को प्रभावित करने के लिए लगे थे। इस मामले में ट्रंप के दामाद का नाम भी चर्चा में रहा था।
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