अमेरिका की मौजूदा हिन्द-प्रशांत रणनीति से चीन बौखलाया हुआ है। चीन के विदेश मंत्री चिन गांग ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय की वार्षिक प्रेसवार्ता के दौरान अमेरिका की हिन्द-प्रशांत रणनीति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। गांग ने कहा कि अमेरिका अपनी हिन्द-प्रशांत रणनीति से चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है। अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में प्रकाशित ख़बर मुताबिक, चिन गांग ने कहा कि अमेरिका की हिन्द-प्रशांत रणनीति नए गुट तैयार करके तनाव बढ़ाने और क्षेत्रीय एकीकरण को कमजोर करना चाहती है।
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चीन के विदेश मंत्री गांग ने कहा कि अमेरिकी नीति का मकसद चीन को घेरना है। उन्होंने कहा कि हिन्द-प्रशांत रणनीति क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावा करती है, लेकिन असल में यह टकराव पैदा करके नेटो का एशिया प्रशांत वर्जन तैयार करना चाहती है। गांग से पहले दूसरे चीनी नेता भी क्वॉड और ऑकस को इस नीति का हिस्सा बता चुके हैं।
क्वॉड के सदस्य भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका हैं। ऑकस समझौता अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच हुआ रक्षा क्षेत्र से जुड़ा समझौता है।
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गौर करने वाली बात यह है कि दो घंटे से अदिक समय तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिन गांग ने भारत के साथ चीन के रिश्तों पर कोई बयान नहीं दिया। ना इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत का नाम लिया। जाहिर है भारत उसी क्वॉड का सदस्य है, जिसे चीन अमेरिका की हिन्द-प्रशांत रणनीति का हिस्सा बताता आया है। बावजूद इसके चीन के विदेश मंत्री ने भारत का जिक्र तक नहीं किया।
चिन गांग पिछले साल दिसंबर में चीन के विदेश मंत्री बनने से पहले तक अमेरिका में चीन के राजदूत की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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