कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में फैला था और बाद यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। अमेरिका का आरोप है कि चीन ने वुहान के अपने लैब से इसे फैलाया और उसकी वजह से ही आज दुनिया की ये हालात हो गई है। हालांकि चीन अपने ऊपर लग रहे सारे आरोपों को खारिज किया है। इसी बीच चीन और कोरोना को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, चीन ने यह मान लिया है कि चीन ने शुरुआती सैंपल नष्ट कराए थे। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ था। इसके बाद अमेरिका ने भी सैंपल नष्ट कराने के आरोप लगाए थे।
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2019 में चीन की कई लैब्स ने कोरोना के शुरुआती मरीजों के सैंपल नष्ट कर दिए थे। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मेडिकल अफसर लियू डेनफेंग ने यह जानकारी दी है। हालांकि, उन्होंने कहा, इसके पीछे चीन की मंशा कुछ छिपाने की नहीं थी। उन्होंने तर्क दिया कि बायोसेफ्टी कारणों से ऐसा करना जरूरी था।
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
उन्होंने बताया कि देश के कानून के अनुसार कई लैब संक्रामक रोगों के सैंपल्स को संभालने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे संक्रामक रोगों से जुड़े सैंपल्स के स्टोरेज, स्टडी और उन्हें नष्ट करने के सख्त मानक रखे गए हैं। इसलिए या तो उन्हें पेशेवर संस्थानों को सुपुर्द किया जाता है अथवा नष्ट कर दिया जाता है।
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
शुरुआत में आए इन मामलों को दूसरी श्रेणी का निमोनिया मानकर इलाज का प्रबंध करने का फैसला लिया गया था। फरवरी में ही सरकार ने सैंपल लेने वाली लैब्स को आदेश दिया था कि वे बिना अनुमति के सैंपल किसी भी शोध संस्थान या उन्नत लैब्स को नहीं सौंपेंगे।
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
ये अनाधिकृत लैब्स सैंपल लेकर उन्हें अपने स्तर पर नष्ट कर देतीं थी या नगर पालिकाओं को स्टोरेज के लिए भेज देती थीं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसी वजह से संक्रमण बेतहाशा फैला।चीन के मेडिकल अफसर इस बात को नहीं मानते। हालांकि, इस कबूलनामे में डेनफेंग ने इन अनाधिकृत लैब्स और उन्होंने सैंपल कैसे लिए इसकी जानकारी साझा नहीं की।
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने कहा था कि चीन ने कोरोना को छिपाने का प्रयास किया था। उन्होंने आरोप लगाया था, चीन ने कोरोना वायरस पर रिसर्च को भी सेंसर किया था। माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने वायरस पर हो रहे रिसर्च को सेंसर करके बीमारी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को प्रभावित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा था- 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने वायरस से जुड़ी सूचनाएं दबाने की कोशिश की। ये वायरस कहां से फैला, कैसे फैला और इंसान से इंसान कैसे संक्रमित हो रहे थे, इसको लेकर जानकारी छिपाई। और WHO को भी इस काम में लगाया।'
Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST
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Published: 17 May 2020, 3:00 PM IST