विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने 21 अगस्त को मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका ने काबुल हवाई अड्डे में परेशानी पैदा की है। जोसेप बोरेल ने कहा कि चूंकि अमेरिकी सेना ने काबुल हवाई अड्डे में अति सख्त सुरक्षा कदम उठाया है, इसलिए हटते समय यूरोपीय संघ के कर्मचारियों को बाधा पहुंची है। यूरोपीय संघ के कई कर्मचारी अमेरिकी सेना की जांच को पास नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि काबुल स्थित युरोपीय संघ के प्रतिनिधि मंडल में करीब 400 अफगान कर्मचारी और परिजन हैं। अभी तक केवल 150 लोग ही हट पाये हैं, जबकि 21 अगस्त को स्पेन जाने वाली एक फ्लाइट में एक तिहाई लोग अमेरिकी थे।
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बोरेल ने कहा कि इस बार यूरोपीय संघ को जागना चाहिए कि उसे खुद पर निर्भर रहना है, जबकि दूसरों से उम्मीदें नहीं लगानी चाहिए।
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भूतपूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मेई ने हाल में ब्रिटिश संसद में अफगान परिस्थिति की चर्चा में भी आलोचना की कि अफगानिस्तान में ब्रिटेन की शर्मनाक स्थिति का कारण यह है कि ब्रिटेन केवल अमेरिका के पीछे कार्रवाई करना जानता था। उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी सोचा कि तालिबान ने अफगानिस्तान का प्रशासन करने की तैयारी नहीं की है। क्या हमारे खुफिया अधिकारी इतने खराब हैं? क्या अफगान सरकार और अफगानिस्तान की स्थिति के प्रति हमारी जानकारी बहुत कम है? या क्या हम सिर्फ यह मानते हैं कि हर समय हमें अमेरिका के पीछे कार्रवाई करनी चाहिए?
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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