ब्राजील में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। अक्टूबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में हार के बाद पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने रविवार (8 जनवरी) को देशभर में जमकर उत्पात मचाया। जायर के समर्थक नए राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूडा डी सिल्वा के शपथ लेने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आलाम ये है कि प्रदर्शन कर रहे पूर्व राष्ट्रपति जायर के समर्थक जबरन कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में भी घुस गए हैं। पुलिस ने करीब 400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है।
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उधर, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज ने इस हंगामे की निंदा की है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने निंदा करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नेशनल कांग्रेस और प्रेसीडेंशियल पैलेस में गोलीबारी की भी खबर सामने आई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ब्राजील की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़-फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। पीएम मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के समर्थकों द्वारा देश की कांग्रेस, राष्ट्रपति मवन और सुप्रीम कोर्ट में धावा बोलने की घटना पर निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अमेरिका का पूरा समर्थन प्राप्त है।
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आपको बता दें, ब्राजील में अक्टूबर में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। इन चुनावों में बोलसोनारो को हार मिली। इसके बाद बोलसोनारो के समर्थकों ने चुनाव नतीजे मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद रविवार को बोलसोनारो के समर्थक सड़कों पर इकट्ठा हो गए। हिंसक प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दीं। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने 400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया और सरकारी इमारतों को खाली कराया।
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ब्राजील में पिछले साल 30 अक्टूबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए थे जिसमें वामपंथी नेता लूला ने तत्कालीन राष्ट्रपति बोल्सोनारो को हरा दिया था। लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने तीसरी बार ब्राजील के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। बोल्सोनारो के समर्थकों ने आरोप लगाया चुनाव में धांधली हुई है और उनके नेता को हराया गया है। 30 और 31 अक्टूबर को बोल्सोनारो के समर्थकों ने देश भर में सड़कों पर ट्रक लगाकर रोड जाम किया था। बोल्सोनारो समर्थकों ने रैली भी निकाली थी जिसमें सेना से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
22 नवंबर को बोल्सोनारो ने चुनाव के नतीजों को चुनौती दी लेकिन उनका दावा खारिज कर दिया गया।12 दिसम्बर को ब्राजील की संघीय चुनाव कोर्ट ने लूला की जीत पर मुहर लगा दी। इसके बाद बोल्सोनारो समर्थन लंबे समय से ब्राजील में आर्मी बेस के बाहर बैठे हुए थे। समर्थक आर्मी से लूला को सत्ता हस्तांतरण से रोकने की मांग कर रहे थे। रविवार को कांग्रेस में घुसे प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग पर एक झंडा लहराया था जिसमें सेना से हस्तक्षेप की अपील की गई थी।
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