पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने आतंकवाद पर नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सहयोग का आह्वान किया है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला भी किया। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा आतंकवाद में इस्लामाबाद की भूमिका के आरोपों पर जवाब देते हुए गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तानी रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवालों पर उन्होंने मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की।
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बिलावल भुट्टो ने आरएसएस पर भी हमला करते हुए कहा कि यह महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास नहीं करते, जिनकी प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र परिसर में स्थापित की गई है। यह उनके हत्यारे का सम्मान करते हैं। भुट्टो ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को खारिज किया और कहा, ओसामा बिन लादेन मर चुका है, यह समय आगे बढ़ने का है।
9/11 के हमले सहित दुनिया भर में आतंकवादी हमलों के पीछे रहे अल कायदा नेता को पाकिस्तान में पनाह दी गई थी और अमेरिकी नौसेना के जवानों ने 2011 में एबटाबाद में उसके ठिकाने पर छापेमारी कर उसे ढूंढ निकाला था।
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भुट्टो-जरदारी से पहले अपने संवाददाता सम्मेलन में, जयशंकर ने कहा था, सच्चाई यह है कि आज हर कोई उन्हें (पाकिस्तान को) आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखता है। उन्होंने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि कोविड महामारी के पिछले ढाई साल के बाद बहुत से लोग भ्रम में हैं। लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि दुनिया भूली नहीं है, कि क्षेत्र में बहुत सारी (आतंकी) गतिविधियों पर उनकी (पाकिस्तान की) उंगलियों के निशान हैं और ये गतिविधियां (हमारे) क्षेत्र से भी परे जारी हैं।
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भुट्टो-जरदारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में चार भारतीयों को जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास असफल रहे, ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत का प्रभाव अधिक था। पाकिस्तान के मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत धर्मनिरपेक्षता से दूर जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आतंकवादियों की नापाक गतिविधियों से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए।
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उन्होंने कहा, आइए भविष्य की ओर देखें और यह सुनिश्चित करें कि आगे चलकर किसी भी पाकिस्तानी को अपने जीवन के लिए यह चिंता न करनी पड़े कि बच्चे घर आएंगे या नहीं, और यह कि किसी भी भारतीय को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि उसका परिवार, उसके बच्चे खतरे में हैं।
भुट्टो-जरदारी ने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं किया जाता, तब तक भारत के साथ मेल-मिलाप की कोई गुंजाइश नहीं है।
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