अमेरिका की कुख्यात निन्जा मिसाइल ने अल कायदा से संबद्ध सीरिया के एक स्थानीय आतंकवादी संगठन के प्रमुख अबू हमजा अल यमनी को मार गिराया। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला सोमवार की आधी रात के करीब इदलिब प्रांत में किया गया। हमले के वक्त अबू हमजा एक कच्ची सड़क पर बाइक चला रहा था।
अमेरिका सेंट्रल कमांड ने यह खुलासा नहीं किया कि यह हमला किस मिसाइल से किया गया लेकिन पहले भी अमेरिका निन्जा मिसाइल के नाम से कुख्यात आर9एक्स हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल ऐसे सटीक हमलों के लिए कर चुका है। यह मिसाइल बराक ओबामा के कार्यकाल में विकसित किया गया था। हमले के वक्त अबू हमजा बाइक पर अकेला था। शुरूआती रिपोर्ट में किसी अन्य नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं आई है।
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दो कैदियों के ग्रुप के बीच लड़ाई के बाद बुधवार को मध्य श्रीलंका के पोलोन्नारुवा में एक पुनर्वास केंद्र से लगभग 600 कैदी भाग निकले। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस प्रवक्ता निहान थलडुवा ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना के जवानों और एक अतिरिक्त पुलिस बल को कंडाकाडु पुनर्वास केंद्र में तैनात किया गया है और फरार कैदियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
थलडुवा ने कहा कि केंद्र में बाकी 400 बंदी सेना और पुलिस को परिसर में प्रवेश करने से रोक रहे थे। पुनर्वास केंद्र के आसपास के क्षेत्र, जिसमें लगभग 1,000 बंदियों को रखा गया है, उसकी घेराबंदी कर दी गई है और पड़ोसी क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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व्हाइट हाउस ने कहा कि वह मंकीपॉक्स के वायरस को रोकने के लिए जल्द ही देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू करेगा। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग उच्च संचरण वाले क्षेत्रों में तुरंत जिनेओस वैक्सीन की 56,000 डोज भेजेगा। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने व्हाइट हाउस के हवाले से बताया कि अगले कुछ हफ्तों में अतिरिक्त 2,40,000 डोज वितरित की जाएंगी।
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि आने वाले महीनों में कुल 16 लाख अतिरिक्त डोज उपलब्ध होंगे। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की गणना के अनुसार, जिन राज्यों में मंकीपॉक्स के सबसे अधिक मामले हैं, उनमें कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क , इलिनोइस और फ्लोरिडा के साथ-साथ वाशिंगटन डीसी. शामिल हैं। सीडीसी के निदेशक रोशेल वालेंस्की के आंकड़ों के अनुसार, 18 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि हुई थी, मंगलवार तक 28 राज्यों में 306 मामले सामने आए हैं।
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि सीरिया संघर्ष के दौरान 1 मार्च 2011 से 31 मार्च 2021 के बीच 306,887 नागरिकों की जान गई थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट में कार्यालय ने पहले 143,350 नागरिकों की मौत होने की पुष्टि की। रिपोर्ट में उनका पूरा नाम, तिथि और मृत्यु का स्थान शामिल है। इसके अलावा, अन्य रिपोर्ट में सांख्यिकीय अनुमान तकनीकों का उपयोग करके 163,537 नागरिक मौतों का अनुमान लगाया गया, जिससे नागरिकों की मौतों का आंकड़ा 306,887 हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 306,887 के अनुमान का मतलब है कि पिछले 10 वर्षो में औसतन हर एक दिन संघर्ष के कारण 83 नागरिकों की हिंसक मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि ये वे लोग हैं, जो सीधे तौर पर युद्ध अभियानों के चलते मारे गए। इनमें स्वास्थ्य देखभाल, भोजन, स्वच्छ पानी और अन्य आवश्यक मानवाधिकारों तक पहुंच न होने के कारण जान गंवाने वाले कई अन्य नागरिक शामिल नहीं हैं।"
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अमेरिका में फेसबुक और इंस्टाग्राम ने उन पोस्ट को तुरंत हटाना शुरू कर दिया है जो महिलाओं को गर्भपात की गोलियों की पेशकश करते हैं। साथ ही इन यूजर्स पर अस्थायी रूप से बैन भी लगा दिया है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने रो बनाम वेड मामले में गर्भपात को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया था। कोर्ट ने कहा था कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है।
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने उन सोशल मीडिया पोस्ट को हटाना शुरू कर दिया है, जो महिलाओं को गर्भपात की गोलियों की पेशकश करते हैं। मदरबोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के पोस्ट फार्मास्यूटिकल्स के आसपास की नीति का उल्लंघन करते हैं। एक फेसबुक यूजर ने अपने पोस्ट में लिखा था, "मैं आप में से किसी एक को गर्भपात की गोलियां मेल कर दूंगा। बस मुझे मैसेज करें।" फेसबुक और इंस्टाग्राम ऐसे कई पोस्ट को हटा रहा है।
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