पाकिस्तान सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के लंबे मार्च को रोकने का साहसिक फैसला लेते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं-कार्यकर्ताओं के खिलाफ पूरे देश में कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उन्हें राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ने से रोका जाएगा।
सरकार के ऐलान के बाद पुलिस अधिकारियों ने पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में पीटीआई के वरिष्ठ सदस्यों के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी है और पीटीआई के 600 से अधिक समर्थकों को हिरासत में ले लिया है, जो इस्लामाबाद की ओर इमरान खान के लंबे मार्च में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने देश भर में छापेमारी कर खासकर पंजाब प्रांत में पीटीआई समर्थकों को गिरफ्तार किया, जबकि पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को छिपने के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तारी लोक व्यवस्था के रखरखाव (एमपीओ) के तहत की जा रही है, जिसके तहत किसी को भी कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, एमपीओ के तहत छापेमारी शुरू करने के लिए पीटीआई के कम से कम 350 वरिष्ठ सदस्यों की सूची तैयार की गई है और संबंधित सुरक्षा क्वार्टरों को भेज दी गई है।
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नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में फिलहाल मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं है, लेकिन आयात के चलते जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। एनआईसीडी ने कहा कि मंकीपॉक्स का जोखिम एक वास्तविकता है, क्योंकि कोविड से सीखे सबक से यह स्पष्ट हो गया है कि दुनिया के दूसरे हिस्से में इसका प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है, जो वैश्विक चिंता का विषय है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एनआईसीडी के कार्यकारी निदेशक एड्रियन प्योरन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के लिए निहितार्थ यह है कि मंकीपॉक्स के आयात का जोखिम एक वास्तविकता है, क्योंकि कोविड-19 से सीखे गए सबक से यह स्पष्ट हो गया है कि दुनिया के दूसरे हिस्से में इसका प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है, जो वैश्विक चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक किसी भी यात्रा प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की है। प्योरन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में प्रवेश करने वाले और यात्रा करने वालों के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र दिखाना आवश्यक होना चाहिए।
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इस्लामाबाद, बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों और पाकिस्तान के अन्य इलाकों में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। हालांकि, पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने कहा कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र था और इसकी गहराई 85 किमी थी।
अब तक, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरूआत में बलूचिस्तान के खुजदार जिले के औरनाजी इलाके में 5.2 की तीव्रता वाले भूकंप से 80 घर ढह गए थे, जिसमें 200 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए थे। भूकंप से वाध तहसील के नाल, जमरी, बारंग और नाचकन सोनारो लाठी गांवों को भी नुकसान पहुंचा है। 14 जनवरी को, रिक्टर पैमाने पर 5.6 की तीव्रता वाले भूकंप ने इस्लामाबाद और देश के उत्तरी क्षेत्रों को हिला दिया था।
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तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोगान ने कहा है कि तुर्की अपनी दक्षिणी सीमा के साथ 30 किलोमीटर गहरे सुरक्षित क्षेत्र की स्थापना के लिए उत्तरी सीरिया में एक नए सैन्य अभियान की तैयारी कर रहा है। एर्दोगान ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि जैसे ही तुर्की सशस्त्र बल अपनी खुफिया और सुरक्षा तैयारियां पूरी करेंगे, ये अभियान शुरू हो जाएगा।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा कि ऑपरेशन उत्तरी सीरिया के उन क्षेत्रों को लक्षित करेगा जहां तुर्क सेना का नियंत्रण नहीं है। तुर्की की सेना और सीरिया की कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के सदस्य अक्सर इस क्षेत्र में एक दूसरे के खिलाफ गोलीबारी करते हैं। इस साल की शुरूआत से संघर्ष तेज हो गया है। उन्होंने कहा कि तुर्की की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद गुरुवार को इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।
तुर्की सेना ने 2016 में ऑपरेशन यूफ्रेटस शील्ड, 2018 में ऑपरेशन ओलिव ब्रांच, 2019 में ऑपरेशन पीस स्प्रिंग और उत्तरी सीरिया में 2020 में ऑपरेशन स्प्रिंग शील्ड शुरू किया। इनका उद्देश्य आतंकी खतरों को खत्म करना और एक सुरक्षित क्षेत्र प्रदान करना है जो सीरियाई शरणार्थियों की उनके घरों को वापसी की सुविधा प्रदान करेगा। अंकारा वाईपीजी को प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) की सीरियाई शाखा के रूप में देखता है। तुर्की द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध पीकेके, तीन दशकों से अधिक समय से तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है।
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को इस्लामाबाद तक 'लॉन्ग मार्च' निकालेंगे, जिसकी तैयारी की जा रही है। इमरान के 'लॉन्ग मार्च' की आलोचना करते हुए पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने कहा कि देश के लोगों को गुमराह करने वालों के एक समूह की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता है। शरीफ ने पीएमएल-एन की बैठक में शामिल होने के बाद एक ट्वीट में कहा कि लोगों को उन बदमाशों के समूह की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता है, जो पहले से ही उन पर अकल्पनीय गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी ला चुके हैं।
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जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में योजना मंत्री अहसान इकबाल और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह भी मौजूद रहे। तीन बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए नवाज ने कहा कि देश इन तत्वों का मुकाबला किए बिना अपने वास्तविक गंतव्य तक नहीं पहुंच सकता। हमें एक राष्ट्र के रूप में इन उपद्रवियों को रोकना होगा। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पाकिस्तान के बीच चल रही बातचीत पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ ने सरकार को पीटीआई के लॉन्ग मार्च से निपटने के लिए योजना तैयार करने को कहा है।
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