श्रीलंका में हालात भयावह हो गए हैं। पूरे देश में हिंसा फैलती जा रही है। बिगड़ते हालात के बीच रक्षा मंत्रालय ने उग्र प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। हिंसा करने वालों के खिलाफ शूट एट साइट यानी देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस बीच श्रीलंका में कर्फ्यू को 12 मई की सुबह सात बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सोमवार को हुई हिंसा में सांसद समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी।
इससे एक दिन पहले श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे ने सरकार समर्थकों द्वारा विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद हिंसा फैलने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने हिंसा फैलानी शुरू कर दी। जिसके जवाब में शातिपूर्ण प्रदर्शनकारी कई जगह उग्र हो गए हैं। इस बीच राजपक्षे परिवार समेत राजधानी कोलंबो से बाहर चले गए हैं।
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
श्रीलंका में व्यापक हिंसा में पांच लोगों की मौत के बाद पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार ने मंगलवार को कोलंबो छोड़ दिया और भारी सुरक्षा के बीच त्रिंकोमाली में एक नौसैनिक अड्डे में शरण ली है। मामले से जुड़े एक सैन्य अदिकारी ने बताया कि राजपक्षे, उनकी पत्नी शिरंथी और उनके सबसे छोटे बेटे रोहिता और उनके परिवार ने मंगलवार की सुबह पीएम के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज से वायु सेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर प्रस्थान किया और अब भारी सुरक्षा वाले नौसैनिक अड्डे में शरण ली है। पता चला है कि राजपक्षे के दूसरे बेटे, योसिता, जो पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव भी थे, और उनका परिवार सोमवार को देश छोड़कर चला गया है।
सोमवार को राजपक्षे के इस्तीफे और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा शुरू की गई हिंसा के बाद, सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने टेंपल ट्रीज को घेर लिया और जबरन परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की। उनकी सुरक्षा के लिए सेना भेजी गई और हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने आवास के बाहर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सेना ने हवा में फायरिंग की। हिंसा में एक सांसद समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
इजरायली पुलिस ने एक 65 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है। इजरायली पुलिस का कहना है कि महिला पर प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के परिवार को जान से मारने की धमकी भरा पत्र भेजने का शक है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने सोमवार को बताया कि महिला दक्षिणी इजराइल की निवासी है। बेनेट के परिवार को अप्रैल में जिंदा कारतूस के साथ दो धमकी भरे खत मिले थे, जिनमें जान से मारने की बात कही गई थी।
धमकी भरे खत मिलने के बाद बेनेट और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस मामले में विशेष अपराध शाखा और 'शिन बेत' सुरक्षा एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है। बेनेट आठ-पक्षीय गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें हॉकिश और लिबरल्स पार्टनर्स शामिल हैं। बता दें कि बेनेट को उनके पूर्ववर्ती, बेंजामिन नेतन्याहू और उनके सहयोगियों द्वारा आलोचना का सामना करना पड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की 1995 में तेल अवीव में एक शांति रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी। ऐसे में इजराइल सुरक्षा एजेंसी मौत की
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने चीन के साथ पाकिस्तान की 'हर मौसम में रणनीतिक साझेदारी' को और मजबूत करने की मांग की है, जिसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के 'तेजी से कार्यान्वयन' के माध्यम से, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की एक प्रमुख परियोजना शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी दी गई है।
विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जरदारी ने सीपीईसी के तेजी से कार्यान्वयन सहित चीन के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के पाकिस्तान के संकल्प की फिर से पुष्टि की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया, विदेश मंत्री के हवाले से कहा गया है कि एसडीजी के अपने राष्ट्रीय कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए, जीडीआई ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स के काम में सक्रिय रूप से भाग लेने के अलावा शांतिपूर्ण, समृद्ध और साझा भविष्य की आम आकांक्षा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान सीपीईसी के माध्यम से चीन के साथ सहयोग बढ़ाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
बकिंघम पैलेस ने घोषणा की है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने संसद के राजकीय उद्घाटन से अपना नाम वापस ले लिया है। इसके पीछे की वजह उनका खराब स्वास्थय बताया जा रहा है।
बीबीसी ने सोमवार देर रात पैलेस के हवाले से बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जगह प्रिंस चार्ल्स मंगलवार को भाषण देंगे।
सोमवार शाम तक, बकिंघम पैलेस महारानी के उपस्थित को लेकर उम्मीद जता रहा था। लेकिन बाद में एक बयान में, इसने पुष्टि की कि रानी ने अपने डॉक्टरों के परामर्श के चलते राज्य के उद्घाटन समारोह से अपना नाम वापस ले लिया है। 1963 के बाद यह पहला मौका है जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय वेस्टमिंस्टर में इस संवैधानिक समारोह से चूकेंगी।
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वह अपने 70 साल के शासनकाल में केवल दो बार भाषण देने से चूकी थीं। 1959 और 1963 में गर्भवती होने के कारण वह भाषण नहीं दे पाई थी। संसद का राज्य उद्घाटन संसदीय वर्ष की शुरूआत का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महारानी द्वारा दिया गया भाषण सरकार के एजेंडे और उन कानूनों को निर्धारित करता है, जिन्हें वह पेश करना चाहती है।
Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST
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Published: 10 May 2022, 10:03 PM IST