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दुनिया की खबरें: पाकिस्तान के 64 फीसद लोगों ने 'अमेरिकी साजिश' को नकारा, स्पेन अब रूस के 27 राजनयिकों को निकालेगा

महंगाई की मार से जूझ रही जनता के भारी प्रदर्शन और संसद में बहुमत खोने के बाद भी श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

पाकिस्तान के 64 फीसद लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिकी साजिश को नकारा

पाकिस्तान के लगभग 64 फीसदी नागरिकों को लगता है कि बढ़ती महंगाई और इमरान खान सरकार की विफलता ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का कारण है, न कि अमेरिकी साजिश। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गैलप पाकिस्तान सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वे के अनुसार, 36 फीसदी पाकिस्तानियों का मानना है कि पीटीआई सरकार को गिराने के लिए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिकी साजिश है।

इस गैलप सर्वे के दौरान 3-4 अप्रैल, 2022 तक 800 परिवारों की राय मांगी गई। सर्वे के मुताबिक 64 फीसदी लोगों ने सरकार के विदेशी षडयंत्र के आख्यान को ठुकरा दिया। उत्तरदाताओं का मानना है कि उच्च मुद्रास्फीति यानी महंगाई इसके पीछे मुख्य कारण है। हालांकि, 36 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि अमेरिका ने पीटीआई सरकार को हटाने के लिए विपक्ष के साथ साजिश रची है।

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स्पेन ने रूस के 27 राजनयिकों को देश से निकालने का फैसला किया

स्पेन अगले कुछ दिनों में 27 रूसी राजनयिकों और दूतावास के कर्मचारियों को अपने देश से निकाल देगा। ये जानकारी स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेर्स ने दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्बेर्स ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि मैड्रिड में रूस के राजदूत यूरी कोरचागिन को निष्कासित लोगों की सूची में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि स्पेन का लक्ष्य रूस के साथ बातचीत के चैनलों को खुला रखना है। इस प्रकार स्पेन ने कई यूरोपीय देशों के नक्शेकदम पर चलते हुए रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा की है।

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जनविरोध और बहुमत खोने के बाद भी कुर्सी से चिपके श्रीलंका के राष्ट्रपति

महंगाई की भीषण मार से जूझ रही जनता के भारी प्रदर्शन और संसद में बहुमत खोने के बाद भी श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
राष्ट्रपति की पार्टी के मुख्य सचेतक एवं राजमार्ग मंत्री जॉन्स्टन फर्नान्डो ने पार्लियामेंट में कहा कि राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि इसका सामना करेंगे। संसद में जब विपक्षियों ने मांग की अगर राष्ट्रपति कुर्सी छोड़ दें तो मौजूदा स्थिति में सुधार हो सकता है। इस पर फर्नान्डो ने कहा कि राष्ट्रपति के पास 69 लाख लोगों का समर्थन है। हम सरकार के तौर पर स्पष्ट कहना चाहेंगे कि राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे। हम इससे लड़ेंगे।''

विदेशी मुद्रा भंडार की भारी किल्लत से जूझ रहा श्रीलंका पहली बार इतने गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जहां लोगों को ईंधन, बिजली, भोजन और दवाओं की भारी कमी से दो-चार होना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने कहा है कि देश में जरूरी दवाओं की बहुत कमी है, जिससे पूरा देश मेडिकल आपातकाल की स्थिति में आ गया है।

श्रीलंका में गुरुवार को लोग सड़कों पर राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर उतर आए। इसके दबाव में राष्ट्रपति ने पूरे कैबिनेट को रविवार को इस्तीफा देने के लिए कहा। सतारुढ़ गठबंधन सरकार में शामिल 41 सांसदों ने राजपक्षे को छोड़कर खुद को निर्दलीय घोषित कर दिया।
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में राजपक्षे के पक्ष में 113 सांसद होने चाहिए, लेकिन 41 सांसदों के निर्दलीय हो जाने से अब राजपक्षे सरकार अल्पमत में आ गई है।

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पाक राष्ट्रपति अल्वी ने कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पूर्व संघीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद बुधवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति से संबंधित कानूनी मुद्दों पर चर्चा की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रेसीडेंसी में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई।

बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति ने की और इसमें अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान, पूर्व संघीय मंत्री बाबर अवान, फवाद चौधरी, इम्तियाज सिद्दीकी, असद उमर, शफकत महमूद और परवेज खट्टक ने भाग लिया। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति विपक्ष के साथ विचार-विमर्श के लिए रास्ता खुला रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ पत्र के जवाब में दो नाम भेजने पर विचार कर रहे हैं।

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अफगानिस्तान में हर माह बारूदी सुरंगों से 120 से ज्यादा लोग जान गंवा रहे या विकलांग हो रहे

अफगानिस्तान में बारूदी सुरंगों से हर महीने लगभग 120 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं या विकलांग बन जाते हैं। स्टेट मिनिस्ट्री फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट एंड ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स के नूरुद्दीन रुस्तमखिल ने इंटरनेशनल डे फॉर माइन अवेयरनेस एंड असिस्टेंस इन माइन एक्शन के एक कार्यक्रम में कहा, "बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेष हर महीने 120 से अधिक अफगानों को मारते हैं या विकलांग बना देते हैं।"

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह दिवस हर साल चार अप्रैल को मनाया जाता है। मंत्रालय के माइन एक्शन कोऑर्डिनेशन के प्रमुख रुस्तमखिल ने कहा, "हम खान जागरूकता और खदान कार्रवाई में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मना रहे हैं। इस विशेष दिन को चिह्न्ति करने से हमें कार्यक्रम से पहले सभी चुनौतियों और समस्याओं का अध्ययन और निरीक्षण करने का अवसर मिलता है।"

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