अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोहराया है कि चीन के अभूतपूर्व हमले की स्थिति में वाशिंगटन ताइवान की रक्षा करेगा। सीबीएस न्यूज के साथ एक साक्षात्कार के दौरान रविवार को बाइडेन से पूछा गया, "चीनी राष्ट्रपति शी को ताइवान के प्रति आपकी प्रतिबद्धता के बारे में पता रहना चाहिए?"
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राष्ट्रपति ने जवाब दिया, "बिल्कुल। हम उस प्रस्ताव से सहमत हैं, जिस पर हमने बहुत पहले हस्ताक्षर किए थे .. और यह कि ताइवान को अपनी आजादी के बारे में फैसला खुद लेना है।"
उन्होंने कहा, "हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं, उन्हें स्वतंत्र होने के लिए हम प्रोत्साहित भी नहीं कर रहे हैं .. यह तो उनका फैसला है।"
अगले सवाल पर कि क्या अमेरिकी सेना द्वीप की रक्षा करेगी, बाइडेन ने कहा : "हां, अगर वास्तव में कोई अभूतपूर्व हमला होता ..।"
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बाइडेन की टिप्पणी के तुरंत बाद व्हाइट हाउस ने कहा, "हमारी ताइवान नीति नहीं बदली है।" उसने इस धारणा को स्पष्ट किया कि ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने के लिए 1979 से ही अमेरिका की नीति नहीं बदली है।
बीबीसी ने रविवार शाम व्हाइट हाउस के हवाले से कहा, "राष्ट्रपति पहले भी यह कह चुके हैं और इस साल की शुरुआत में उन्होंने टोक्यो में स्पष्ट किया था कि हमारी ताइवान नीति नहीं बदली है। यह सच है।"
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नीति के तहत, अमेरिका इसे एक अलग राज्य के रूप में मान्यता नहीं देता और द्वीप के साथ उसका कोई राजनयिक संबंध नहीं है, बल्कि वह ताइवान को हथियार बेचता है। नीति में कहा गया है कि द्वीप को अपनी रक्षा के लिए वाशिंगटन को साधन मुहैया कराना चाहिए।
हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के 2 अगस्त को ताइवान की अघोषित यात्रा के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके जवाब में चीन ने ताइवान के आसपास पांच दिनों तक सैन्य नाकेबंदी की।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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