14 मई को अमेरिका ने तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया। अमेरिका के इस फैसले से भड़के फिलिस्तीनी लोगों ने इजरायली सैनिकों से भिड़ गए। अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन को लेकर गाजा-इजरायल सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इजरायली सेना ने गोलीबारी की। जिसमें 55 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि 2,771 घायल हो गए। इजरायल सुरक्षाबलों ने कहा कि गाजापट्टी सुरक्षा बाड़ से सटे 13 स्थानों पर फिलीस्तीन के 40,000 लोगों ने इस हिंसक दंगों में हिस्सा लिया। यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है।
Published: 15 May 2018, 9:34 AM IST
यह हिंसा जेरूसलम में अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन के मद्देनजर हुई, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप, उनके दामाद जेयर्ड कुश्नर और वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया था।
Published: 15 May 2018, 9:34 AM IST
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका इजरायल और फलस्तीनियों के बीच स्थाई शांति समझौता कराने को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनका देश टेम्पल माउंट में यथास्थिति का समर्थन करता है जो इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का मुख्य बिन्दु है।
बीबीसी के मुताबिक, इजरायली पुलिस और गुस्साए प्रदर्शनकारियों के बीच में हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारिरयों ने नए दूतावास के बाहर फिलीस्तीन के झंडे लहराए। इस दौरान कोई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यरूशलम को इजरायल की औपचारिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के विवादास्पद कदम के तहत तेल अवीव से अपना दूतावास वहां स्थानांतरित करने की दिसंबर में घोषणा की थी।
(आईएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 15 May 2018, 9:34 AM IST
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Published: 15 May 2018, 9:34 AM IST