2017 का नोबेल शांति पुरस्कार द इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वीपन (आईसीएएन) को देने की घोषणा हुई है।
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आईसीएएन दुनिया में परमाणु हथियारों को समाप्त करने के लिए अभियान चलाने वाला संगठन है। आईसीएएन की शुरुआत 2007 में ऑस्ट्रेलिया से हुई थी। फिलहाल 101 देशों में इस संगठन की 468 सहयोगी संस्थाएं हैं। इस साल जुलाई में 122 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियारों पर रोक लगाने वाली संधि को स्वीकार किया था। हालांकि अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे परमाणु हथियारों वाले बड़े देश इस संधि में शामिल नहीं हुए।
नॉर्वे के ओस्लो में पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने अपने बयान में कहा, "आईसीएएन को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से होने वाली भयानक मानवीय त्रासदी की तरफ लोगों का ध्यान दिलाने और अपनी कोशिशों से इस तरह के हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए संधि कराने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।” नोबेल समिति ने यह भी कहा कि परमाणु युद्ध का संकट लंबे समय के बाद इस वक्त काफी बढ़ गया है।
मौजूदा समय में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच युद्ध की आशंकाओं के अलावा ईरान के साथ दुनिया के ताकतवर देशों के करार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नोबेल समिति इस स्थिति को लेकर चिंतित है।
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नोबेल पुरस्कार मिलने से उत्साहित ICAN समूह के कार्यकारी निदेशक बीट्राइस फिन का कहना है कि हमें अभी और आगे जाना है। उन्होंने कहा, “हमारा काम तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक इस दुनिया से परमाणु हथियारों को पूरी तरह से खत्म नहीं कर दिया जाता।”
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