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चीन-ताइवान तनाव के बीच इन दो देशों में छिड़ी जंग, विवादित क्षेत्र पर कब्जा का दावा, जानें क्या है पूरा मामला

अजरबैजान और आर्मेनिया ने एक-दूसरे पर अपने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने और विवादित नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र में उकसावे की कार्रवाई का आरोप लगाया है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

अजरबैजान और आर्मेनिया ने एक-दूसरे पर अपने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने और विवादित नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र में उकसावे की कार्रवाई का आरोप लगाया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बाकू में विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा, "अजरबैजान के क्षेत्र में अवैध अर्मेनियाई टुकड़ियों, जहां रूसी संघ की शांतिसेना की टुकड़ी अस्थायी रूप से तैनात है, ने लाचिन की तरफ अजरबैजानी सेना के पोस्ट पर भीषण गोलीबारी की।" इस गोलीबारी में अजरबैजान के एक सैनिक के मारे जाने की भी खबर है।

Published: 04 Aug 2022, 12:06 PM IST

अजरबैजानी बलों पर पहले हमला करने का आरोप

उधर आर्मेनिया ने कहा है कि पहले हमला अजरबैजानी बलों ने की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अजरबैजानी बलों ने एक बार फिर शांति समझौते का उल्लंघन करते हुए, नागोर्नो-कराबाख में हमले किए। जिसमें आर्मेनिया के कई सैनिकों के घायल होने की बात कही जा रही है। कुछ मौतें भी होने की आशंका है।

दरअसल सोवियत संघ से अलग हुए मुस्लिम बहुल देश अजरबैजान और ईसाई बहुल आर्मेनिया में नागोर्नो-करबाख को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है। अजरबैजान के मुताबिक पहले आर्मेनिया ने हमला किया उसके बाद उसकी सेना ने कार्रवाई की।

Published: 04 Aug 2022, 12:06 PM IST

दोनों देशों के बीच क्या है विवाद


अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच विवाद की जड़ नागोर्नो-करबाख का पहाड़ी इलाका है। इस क्षेत्र को अजरबैजान अपना हिस्सा बताता है। 1988 से नागोर्नो-कराबाख के पहाड़ी क्षेत्र को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच कई बार आमना-सामना हुआ है। 1994 के बाद से शांति वार्ता हुई है, जब युद्धविराम पर सहमति हुई थी, लेकिन तब से छिटपुट मामूली झड़पें हुई हैं।

27 सितंबर, 2020 को संपर्क लाइन के साथ सशस्त्र संघर्ष का एक नया दौर छिड़ गया, इससे पहले कि रूस ने उसी वर्ष 9 नवंबर को युद्धविराम की मध्यस्थता की।


Published: 04 Aug 2022, 12:06 PM IST

26 नवंबर, 2021 को, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और अर्मेनियाई प्रधान मंत्री निकोल पशिनियन ने सोची में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, जहां वे दोनों देशों के बीच सीमा के सीमांकन और परिसीमन के लिए व्यवस्था बनाने पर सहमत हुए।

पिछले अप्रैल में अपनी पिछली बैठक के दौरान, अलीयेव और पशिनियन ने यूरोपीय संघ की मध्यस्थता से एक शांति संधि प्रक्रिया शुरू की, और वे सीमा परिसीमन मुद्दे पर काम करने के लिए सीमा आयोगों की स्थापना पर सहमत हुए।

Published: 04 Aug 2022, 12:06 PM IST

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Published: 04 Aug 2022, 12:06 PM IST