अमेरिकी संसद की निचली सदन, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच की जाएगी। उन्होंने यह फैसला आज यानी 25 सितंबर को लिया है।
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नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप पर गंभीर आरोप हुए कहा कि उन्होंने देश के साथ धोखा किया है। ट्रम्प ने अपने प्रतिद्वंद्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए विदेशी ताकतों की मदद ली, इसलिए उनके खिलाफ महाभियोग जांच बैठाई जाएगी।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वह ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करें। एक व्हिसलब्लोअर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। इस मामले को नैन्सी पेलोसी ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिका के संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
नैन्सी पेलोसी ने आगे कहा, “इसी हफ्ते राष्ट्रपति ने कबूला कि उन्होंने यूक्रेन से ऐसी कार्रवाई की मांग की, जिससे उन्हें राजनीतिक तौर पर मदद मिले। इसलिए राष्ट्रपति को उत्तरदायी बनाना जरूरी है।”
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चलिए बताते है पूरा मामला क्या है। अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की हैं। इनके बीच क्या बातचीत हुई, ये अभी तक साफ नहीं हो पाई है। वहीं विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी।
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बता दें कि नैन्सी पेलोसी के ऐलान के बाद अब आधिकारिक तौर पर ट्रंप पर लगे आरोपों की जांच होगी और इसके लिए कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि ट्रंप ने संवैधानिक जिम्मेदारी का उल्लंघन किया है या नहीं। इसके बाद संसद ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई पर वोटिंग करेगी। महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप को पद से हटाने के किसी भी प्रयास के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने ही राष्ट्रपति के खिलाफ जाए। अभी तक अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है।
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