अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए आर्थिक मदद को पूरी तरह से समाप्त करने का फैसला किया है। ट्रंप प्रशासन ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी है। ट्रंप प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के संबंध में यह घोषणा अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को 'सुधार न होने वाली गलती' करार दिया और कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने मामले की 'सावधानी पूर्वक समीक्षा' की है और यूएनआरडब्ल्यू को कोई अतिरिक्त सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार जेराड कुशनर और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बीच हुई बैठक में लिया गया।
फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने अमेरिका के इस कदम को फिलीस्तीन के लोगों के खिलाफ 'हमला' बताया है। वहीं, यूएनआरडब्ल्यूए के प्रवक्ता क्रिस गुनेस ने अमेरिका के इस कदम की सिलसिलेवार ट्वीट कर आलोचना की। क्रिस गुनेस ने एक ट्वीट में कहा, "हम इस बात को कड़े शब्दों में नकारते हैं कि यूएनआरडब्ल्यूए के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और आपात सहायता कार्यक्रम सुधार न होने वाली त्रुटि हैं।"
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यूएनआरडब्ल्यूए वेस्ट बैंक, गाजा, जार्डन, सीरिया और लेबनान में पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजिक सेवा मुहैया कराती है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 1948 में अरब-इजरायल युद्ध के बाद विस्थापित फिलिस्तीनियों की देखभाल के लिए की थी। अमेरिका यूएनआरडब्ल्यूए में अब तक सबसे ज्यादा सहायता करने वाला देश रहा है। अमेरिका ने 2017 में एजेंसी को 35 करोड़ डॉलर दिए थे।
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