अमेरिका ने ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को हवाई हमले में मार गिराया है। बगदाद एयरपोर्ट पर हुए अमेरिकी हवाई हमले में इराकी मिलिशिया कमांडर अबुर महादी अल-मुहानदिस की भी मौत हो गई है। अमेरिका ने शुक्रवार सुबह बगदाद एयरपोर्ट पर हवाई हमले को अंजाम दिया।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
ईरान का समर्थन करने वाले इराकी मिलिशिया ने मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने की पुष्टि की है। कासिम सुलेमानी के शव की पहचान अंगुली में पहनी अंगूठी की वजह से हुई। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। इसका असर दुनिया के बाकी देशों के साथ-साथ भारत पर भी पड़ेगा। भारत तेल के लिए काफी हद तक मध्य पूर्वी एशियाई देशों पर निर्भर है। ऐसे में अगर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ता है तो भारत के व्यापार के साथ तेल आयात भी प्रभावित होगा। वर्तमान में भारत सबसे ज्यादा तेल ईरान से ही आयात करता है।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो भारत कच्चे तेल के लिए बहुत ज्यादा ईरान पर निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अपना 84 प्रतिशत कच्चा तेल ईरान से आयात किया था। ऐसे में अगर ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध होता है तो इसका सीधा असर तेल के दामों पर पड़ेगा और भारत में तेल महंगा हो जाएगा। तेल महंगा होने से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत बढ़ने और देश के बाहरी घाटे के बढ़ने की भी संभावना है। इससे आर्थिक विकास की रफ्तार और धीमी होने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में लगभग 10 प्रतिशत तेल खाड़ी देशों से आयात किया। जब ईरान ने अमेरिकी ड्रोन मार गिराए और ईरान की खाड़ी के पास टैंकरों पर हुए हमले से दोनों मुल्कों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, जिसके चलते जून के मध्य में ब्रेंट क्रूड की कीमत काफी कम थी, लेकिन वर्तमान में इसकी कीमतों में आठ प्रतिशत तक उछाल देखने को मिला है।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
वर्तमान में भारत के पास आपातकाल की स्थिति में प्रयोग करने के लिए रिजर्व के तौर पर केवल 3.91 करोड़ बैरल तेल मौजूद है, जो सिर्फ 9.5 दिन ही चल सकता है। अगर इसकी तुलना अन्य देशों से करें तो पता चलता है कि चीन के पास लगभग 55 करोड़ बैरल के भंडार होने का अनुमान है, जबकि अमेरिका के पास 64.5 करोड़ बैरल तेल मौजदू हैं।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
अगर तेल की कीमत बढ़ता है तो पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता पर बोझ और ज्यादा बढ़ जाएगा। हर जरूरत की चीजों के दाम में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। जिसका परिणाम यह होगा है कि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें भी तेजी से बढ़ेंगी, जिसके चलते देश में महंगाई काफी बढ़ जाएगी।
Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST
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Published: 03 Jan 2020, 2:00 PM IST