अमेरिका ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की निंदा करते हुए उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान, कश्मीर के मसले में 'रचनात्मक भूमिका' निभाएगा। यह बात अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कही है। वॉशिंगटन में अपनी डेली ब्रीफिंग के दौरान गुरुवार को उन्होंने कहा, "हम स्पष्ट तौर पर आतंकवादियों की निंदा करते हैं, जो नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ करना चाहते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के संयुक्त बयान का भी स्वागत करता है, जिसमें एलओसी पर संघर्ष विराम का पालन करने की बात कही गई है। उन्होंने कहा, "हम नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत में सुधार करने और तनाव एवं हिंसा को कम करने के लिए निरंतर प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।"
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यह स्वीकार करते हुए कि पाकिस्तान, अमेरिका का एक महत्वपूर्ण पार्टनर है, उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन इस पर पूरा ध्यान देगा और पाकिस्तान से रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह करेगा। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन प्रशासन ने 'इस नए युद्धविराम समझौते में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है', इस पर उन्होंने कहा कि 'जब बात अमेरिकी भूमिका की बात आती है, तो हम कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं।'
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बता दें कि दोनों पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) ने गुरुवार को संघर्ष विराम की पुष्टि करते हुए समझौते की घोषणा की। इनके संयुक्त बयान में कहा गया कि सीमा के साथ स्थिति के 'स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण' मूल्यांकन के बाद, वे 'सीमाओं के साथ पारस्परिक रूप से फायदेमंद और टिकाऊ शांति पाने के हित में' सहमत हुए हैं। दोनों डीजीएमओ एक-दूसरे के मुख्य मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भी सहमत हुए हैं। इनमें शांति को भंग करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति वाले मसले शामिल हैं।
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इससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा था, "यह दक्षिण एशिया में ज्यादा शांति और स्थिरता लाने की दिशा में सकारात्मक कदम है। यह हम सभी के हित में है और हम दोनों देशों को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के इस संयुक्त बयान का स्वागत करता है कि दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर 25 फरवरी से संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने पर सहमति जताई है।"
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यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त काम कर रहा है, इसका साकी ने सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, "हम क्षेत्र के कई नेताओं और अधिकारियों से करीब से जुड़े हुए हैं, जिसमें पाकिस्तान के लोग भी शामिल हैं। लेकिन इस मामले में मैं आपको स्टेट डिपार्टमेंट या इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट से बात करने के लिए कहूंगा।
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