सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों में काम कर रही अफगान महिलाओं ने काबुल में भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त करने और भविष्य की किसी भी सरकार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कैसे किया जाएगा, इस पर एक बैठक की। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब तालिबान ने कहा है कि उसने नई सरकार के गठन पर चर्चा शुरू कर दी है।
Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST
मानवाधिकार कार्यकर्ता फरिहा एसर ने कहा, "लोग, सरकार और कोई भी अधिकारी जिसे भविष्य में एक राष्ट्र बनाना है, अफगानिस्तान की महिलाओं की उपेक्षा नहीं कर सकता। हम शिक्षा के अपने अधिकार, काम करने के अधिकार और राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी के अपने अधिकार को नहीं छोड़ेंगे।"
Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST
महिला अधिकार कार्यकर्ता रहीमा रादमनेश ने कहा, "अफगान महिलाओं ने संघर्ष किया है और इन अधिकारों और इन मूल्यों को हासिल किया है।" विरोध करने वालों का कहना है कि तालिबान पिछले 20 वर्षों में महिलाओं की प्रगति और उनके संघर्षों की अनदेखी नहीं कर सकता।
Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST
मानवाधिकार कार्यकर्ता शुक्रिया मशाल ने कहा, "हमने 20 साल तक कड़ी मेहनत की है और अब हम पीछे नहीं हटेंगे।" एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा, "हम एक थोपी गई सरकार नहीं चाहते हैं। यह अफगान नागरिकों की इच्छा पर आधारित होनी चाहिए।"
Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST
तालिबान ने हाल ही में कहा है कि वे इस्लामी कानून के ढांचे के भीतर महिलाओं को अधिकार देंगे और महिलाएं समाज में उसी ढांचे के भीतर काम कर सकती हैं, लेकिन उसने इस इस्लामी ढांचे की परिभाषा व्यक्त नहीं की है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST
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Published: 20 Aug 2021, 5:25 PM IST