तहरीक-ए-तालिबान इंडिया (टीटीआई)नाम का एक नया आतंकवादी समूह इंटरनेट पर सामने आया है, लेकिन उसका दावा है कि इसका तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) या अफगान तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है। समा टीवी ने यह जानकारी दी है। इस समूह का नाम उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में है और संक्षिप्त नाम टीटीआई है जो टीटीपी के समान दिखता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के तालिबान ने एक बिल्कुल अलग नाम और संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल किया है। वे खुद को अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात कहते हैं, जिसका संक्षिप्त नाम आईईए है। इस समूह ने 9 फरवरी को एक ट्वीट में घोषणा की कि इसका अमीर मौलाना अल कुरैशी है। समूह का कहना है कि उसने भारत में अपने नेताओं की एक बैठक के बाद गुरुवार को अपनी आधिकारिक गतिविधियों की घोषणा की। यह घोषणा अंग्रेजी, अरबी, उर्दू और हिंदी में की गई थी।
समा टीवी ने बताया कि हालांकि टीटीआई का दावा है कि इसका टीटीपी या अफगान तालिबान से कोई संबंध नहीं है लेकिन इसने तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की एक तस्वीर को रीट्वीट किया है। इसने ट्विटर पर नोटिफिकेशन के जरिए भारत में अपनी शुरूआत की घोषणा की है। इसने ट्वीट किया, तहरीक-ए-तालिबान भारत के साथ युद्ध या शांति के बिना भारत सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है।
अमेरिका ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि रूस यूक्रेन पर किसी भी समय आक्रमण कर सकता है, इसलिए अमेरिकी नागरिकों को तुरंत यूक्रेन से निकल जाना चाहिए। बीबीसी ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के हवाले से कहा कि हवाई बमबारी से आक्रमण शुरू हो सकता है, जिससे प्रस्थान करना मुश्किल हो जाएगा और नागरिकों को खतरा होगा। मास्को ने सीमा के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को जुटाने के बावजूद यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से बार-बार इनकार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी बयान ने दुनिया भर के देशों को यूक्रेन में नागरिकों को नई चेतावनी जारी करने के लिए प्रेरित किया है।
ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और नीदरलैंड भी उन देशों में से हैं, जो अपने नागरिकों से जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने का आग्रह कर रहे हैं। हालांकि, कूटनीति के माध्यम से तनाव को कम करने का प्रयास शनिवार को भी जारी रहेगा, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दोनों रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात करेंगे। इस बीच मास्को ने पश्चिमी देशों पर उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है।
पेइचिंग शीतकालीन ऑलंपिक के आयोजन कमेटी ने 11 फरवरी को विरासत के विषय पर न्यूज ब्रीफिंग बुलाई। कमेटी के योजना विभाग के प्रमुख ली सन ने कहा कि पेइचिंग शीतकालीन ऑलंपिक की विरासत पिछले सात सालों से हो रही तैयारियों के साथ धीरे-धीरे बढ़ रही है, न कि खेल के बाद होगी। वर्तमान शीतकालीन ऑलंपिक से पहले चीन में बहुत सारी विरासत तैयार हो चुकी हैं। कमेटी के निर्माण विभाग के प्रमुख ल्यू युमिन ने कहा कि पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक से बर्फ खेल में 30 करोड़ लोगों की भागीदारी का लक्ष्य पूरा हुआ, जिसमें युवा सबसे अधिक हैं।
पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के दौरान, वर्ष 2008 पेइचिंग ऑलंपिक खेल के 14 विरासत का इस्तेमाल हो रहा है। पिछले कुछ सालों में चांगच्याखो में स्थित प्रतियोगिता क्षेत्र में स्की करने वालों की संख्या 2 लाख से बढ़कर 20 लाख तक जा पहुंची है, जिसकी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। ली सन ने कहा कि शीतकालीन ऑलंपिक के समापन के बाद चीन के बर्फ व्यवसाय और बर्फ खेल पर इसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा और चीन में बर्फ खेल का विकास और अच्छा होगा।
तुर्की के सुरक्षा बलों ने पश्चिमी प्रांत इजमिर में 197 अवैध अप्रवासियों और 10 संदिग्ध मानव तस्करों को हिरासत में लिया है। ये जानकारी टीआरटी ब्रॉडकॉस्टर की रिपोर्ट से सामने आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने टीआरटी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि अप्रवासियों, जिनकी राष्ट्रीयता का तुरंत पता नहीं चला, उन्हें इटली की ओर जाने वाली एक नाव पर हिरासत में लिया गया, जबकि संदिग्ध मानव तस्करों को नाव और जमीन पर पकड़ लिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, छापेमारी में मानवरहित हवाई वाहनों का इस्तेमाल किया गया।
यूरोप जाने के रास्ते में शरण चाहने वालों के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु के रूप में तुर्की 40 लाख से ज्यादा शरणार्थियों की मेजबानी करता है, जिनमें से 37 लाख सीरियाई हैं। तुर्की के अधिकारियों ने पहले घोषणा की है कि वे अब अकेले इस मुद्दे का सामना नहीं कर सकते हैं और यूरोपीय देशों से ज्यादा जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया।
इजरायल ने कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण कीव से इजरायली राजनयिकों और दूतावास के कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश ने यात्रा चेतावनी जारी की है और यूक्रेन के इजरायली पर्याटकों को कीव छोड़ने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने उन इजरायलियों की भी सिफारिश की जो अपनी योजनाओं को फिलहाल स्थगित करने के लिए यूक्रेन की यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर इजरायली नागरिक जो वर्तमान में यूक्रेन में हैं, उन्हें देश में अपने प्रवास पर पुनर्विचार करने की सलाह दी जाती है, जिसमें इजरायलियों से किसी भी मामले में फ्लैशपॉइंट क्षेत्रों में जाने से बचने का आग्रह किया गया है।
यात्रा चेतावनी के मुद्दे के बाद मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने दूतावास में इजरायली राजनयिकों और कर्मचारियों के परिवारों को निकालने का फैसला किया है। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सैन्य कार्रवाई के बढ़ते खतरों का हवाला देते हुए यूक्रेन में अमेरिकी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा है।
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