संयुक्त राज्य अमेरिका के 75 सीनेटरों (सांसदों) और डेमोक्रेटिक पार्टी के कांग्रेस प्रतिनिधियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को एक पत्र लिखा है। आपको बता दें, इस पत्र में अमेरिकी सांसदों ने अपनी चिंताओं का जिक्र किया है। सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से पीएम मोदी के साथ मानवाधिकार के मुद्दे को उठाने का आग्रह किया है।
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75 सीनेटरों (सांसदों) का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राज्य यात्रा के दौरान स्वागत किया जाए, लेकिन साथ ही भारत के साथ मौजूदा चिंताओं पर भी चर्चा की जाए, जिससे भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हो सकें।
अमेरिकी सांसदों ने कहा कि वे भारत में धार्मिक असहिष्णुता, प्रेस की आजादी, इंटरनेट शटडाउन और सिविल सोसाइटी समूहों को निशाना बनाने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग और नागरिक समाज संगठनों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति से धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ने, नागरिक समाज संगठनों व पत्रकारों को निशाना बनाने, प्रेस की स्वतंत्रता पर बढ़ते प्रतिबंध तथा इंटरनेट का उपयोग आदि प्रमुख मुद्दों पर बात करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों से प्रमुखता से पीएम मोदी के सामने रखने चाहिए और खुलकर बात होनी चाहिए।
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अमेरिकी सांसदों ने अपने पत्र में लिखा है - "हम किसी विशेष भारतीय नेता या राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करते हैं। यह भारत के लोगों का निर्णय है। लेकिन हम उन महत्वपूर्ण सिद्धांतों के समर्थन में खड़े हैं जो अमेरिकी विदेश नीति का एक प्रमुख हिस्सा होना चाहिए।" पत्र में कहा गया है, "और हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ आपकी बैठक के दौरान आप हमारे दो महान देशों के बीच सफल, मजबूत और दीर्घकालिक संबंधों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों की पूरी बात पर चर्चा करें।" यह पत्र मंगलवार को व्हाइट हाउस को भेजा गया और सबसे पहले रॉयर्स द्वारा रिपोर्ट किया गया।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पांच बार संयुक्त राज्य अमेरिका गए हैं, लेकिन यह यात्रा उनकी पहली राजकीय यात्रा है।
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