अफगानिस्तान में तालिबान के अधिकारी पत्रकारों को हिरासत में ले रहे हैं और उन पर हमला कर रहे हैं तथा मीडिया के काम पर नए प्रतिबंध लगा रहे हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने यह बात कही है। तालिबान से हमलों को रोकने, प्रतिबंध हटाने और प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों के खिलाफ दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार तालिबान सदस्यों को उचित रूप से दंडित करने के लिए मांग बढ़ रही है।
7 सितंबर को तालिबान सुरक्षा बलों ने काबुल स्थित मीडिया आउटलेट एतिलात-ए-रोज के दोनों पत्रकारों तकी दरयाबी और नेमत नकदी को हिरासत में लिया था। पत्रकार तालिबान द्वारा महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के उल्लंघन पर उनकी मांगों को लेकर काबुल में महिलाओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। एतिलात-ए-रोज ने बताया कि तालिबान के अधिकारी दो लोगों को काबुल के एक पुलिस स्टेशन में ले गए, उन्हें अलग-अलग कक्षों में रखा और उन्हें केबल (तार) से बुरी तरह पीटा। दोनों पुरुषों को अगले दिन रिहा कर दिया गया, जिसके बाद उनकी पीठ और चेहरे पर लगी चोटों की वजह से उन्हें अस्पताल में इलाज कराना पड़ा।
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इस वर्ष 11 सितंबर अमेरिका में हुए 9/11 आतंकवादी हमले की 20वीं वर्षगांठ है। अगर हम इस दुर्घटना की चर्चा करें, तो प्रसिद्ध भारतीय निर्देशक करण जौहर द्वारा निर्देशित दुखद फिल्म माई नेम इज खान के बारे में बात करनी है। फिल्म के मुख्य पात्र और पात्रिका भारतीय फिल्म स्टार शाहरुख खान और काजोल द्वारा निभाए गये हैं। 2010 में रिलीज होने के बाद, इसने मौजूदा दौर में बॉलीवुड फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर टॉप किया। निस्संदेह, इस फिल्म के निर्देशक को आतंकवाद की बहुत गहरी समझ है, और फिल्म के कला रूप के माध्यम से, वे आतंकवाद से लोगों को होने वाले नुकसान की पूरी तरह से व्याख्या करते हैं। तो चलिए आज हम इस फिल्म के बारे में अपनी समझ को एक नए अनुभव के साथ फिर से ताजा करते हैं। यह फिल्म मुख्य पात्र रिजवान खान की कहानी बताती है। जो हल्के आत्मकेंद्रित की समस्या से पीड़ित हैं। वे भारत से अमेरिका में आकर बसे। वहां उनकी मुलाकात सुन्दर सिंगल मां मंदिरा खान से हुई और उनसे शादी भी की। लेकिन दुर्भाग्य है कि 9/11 आतंकवादी हमले के बाद भेदभाव, अपमान, पिटाई और यहां तक कि आम मुसलमानों की हत्या की लगातार घटनाओं के साथ, अमेरिका में इस्लाम विरोधी प्रवृत्ति शुरू हो गई। रिजवान खान का बेटा भी शिकार बना। केवल नाम में विशिष्ट मुस्लिम उपनाम खान होने के कारण तो कई सहपाठियों ने उन्हें बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला।
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8 सितंबर को चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के ग्लोबल वाच प्रोग्राम ने कतर में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन से विशेष साक्षात्कार किया। सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान को चीन के साथ सहयोग करने की उम्मीद है। उम्मीद है कि अफगानिस्तान को चीन और अन्य देशों के बीच संपर्क का केंद्र बनने का अवसर मिलेगा। अफगानिस्तान इस बात की अनुमति कभी नहीं देगा कि कोई संगठन अफगानिस्तान में चीन समेत अन्य देशों को खतरे में डालने वाली आतंकी गतिविधियां करे। सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगान प्रतिनिधिमंडल और वार्ता टीम में से एक सदस्य के रूप में उन्होंने चीन की यात्रा की। चीन से अच्छे संबंध कायम करना उनकी नीति है। चीन अफगानिस्तान का मुख्य पड़ोसी देश है। अफगानिस्तान को चीन के साथ सहयोग करने की उम्मीद है। अभी एक महत्वपूर्ण दौर है, क्योंकि अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से सेना हटा दी है। उम्मीद है कि भविष्य में वे चीन के साथ अफगानिस्तान का एक साथ निर्माण कर सकेंगे। साथ ही अफगानिस्तान को चीन और अन्य देशों के बीच संपर्क का केंद्र बनने का अवसर मिलेगा।
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इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान ने एक बयान में कहा कि लोगों को तब तक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है, जब तक कि उन्हें सरकार से अनुमति नहीं मिल जाती। खामा न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में कहा गया है कि फिलहाल किसी भी समूह और किसी भी व्यक्ति को विरोध करने की इजाजत नहीं है, चाहे वह किसी भी नाम से और किसी भी उद्देश्य से किया जाना हो।
तालिबान ने पिछले पांच दिनों में काबुल और अन्य प्रांतों में कुछ विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद बयान जारी किया। बयान के अनुसार, कुछ लोग काबुल और प्रांतों में सड़कों पर उतर रहे हैं, जिन्हें कुछ दलों ने प्रेरित किया है और जीवन की व्यवस्था को बिगाड़ दिया है और यह नागरिकों की सुरक्षा को खतरा है।
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तालिबान ने अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत के बाद कम से कम 200 अमेरिकी नागरिकों सहित अन्य विदेशियों को अफगानिस्तान छोड़ने की इजाजत दी है। रिपोर्टों के अनुसार, विदेशी नागरिक गुरुवार को चार्टर उड़ानों से काबुल से रवाना होंगे। कतर एयरवेज का एक विमान गुरुवार सुबह काबुल में उतरा, जो अमेरिकी नागरिकों और अन्य विदेशी नागरिकों को ले जाएगा। अगस्त में राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद इस हवाईअड्डे से उड़ान भरने वाला यह पहला अंतर्राष्ट्रीय विमान है। कतर के अधिकारियों ने काबुल हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में पुष्टि की कि कतर एयरवेज की उड़ान अफगानिस्तान से जाने वाले विदेशियों को ले जाएगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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