ओआईसी को दी धमकी के बाद सऊदी ने पाक का वित्तीय समर्थन वापस लिया
सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल के प्रावधान को रोक दिया है। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी। एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था। पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस ले लिया है।पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद के लिए प्रावधान दो महीने पहले समाप्त हो गया है और इसे रियाद द्वारा नवीनीकृत नहीं किया गया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पेट्रोलियम डिवीजन के प्रवक्ता साजिद काजी के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद ने समय से चार महीने पहले ही एक अरब डॉलर का सऊदी का ऋण लौटा दिया है।
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बेरुत विस्फोट मामले में बंदरगाह के 3 अधिकारी गिरफ्तार
बेरुत में बंदरगाह के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है जहां हाल ही में हुए घातक विस्फोट से 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान केअटॉर्नी जनरल जज घासन अल-खौरी ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार हुए अधिकारियों में सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक बद्री डाहर, पूर्व सीमा शुल्क निदेशक चाफिक मरही और बेरुत पोत के महानिदेशक हसन कोरयतेम शामिल हैं।बेरुत में हुए भयावह विस्फोट की घटना के बाद बंदरगाह के 16 कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है जिसके ठीक एक दिन बाद अब इन अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है।गुरुवार शाम को सैन्य न्यायाधिकरण के सरकारी आयुक्त जज फादी अकीकी ने कहा कि अब तक 18 लोगों से पूछताछ की गई है जिनमें बंदरगाह और सीमा शुल्क अधिकरियों के साथ हैंगर में रखरखाव करने के लोग भी शामिल हैं जहां सालों से विस्फोटक सामग्री रखा हुआ था।
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वेस्ट बैंक में झड़प, दर्जनों फिलिस्तीनी घायल
वेस्ट बैंक के शहरों रामल्ला और कलकिलया के पास इजरायली सैनिकों के साथ झड़पों में दर्जनों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारी घायल हो गए। मेडिकल सूत्रों ने यह जानकारी दी।समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सैनिकों ने शुक्रवार को उत्तरी रामल्ला में आठ फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों को गोली मारी और घायल कर दिया। इनमें सात रबर कोटेड मेटल गोली लगने से और एक आंसू गैस कैनस्टर से घायल हुए हैं।बयान में कहा गया है कि मेडिकल टीम के सदस्यों ने एंबुलेंस द्वारा आठ घायलों को रामल्ला के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा के लिए भेजा और उनकी हालत स्थिर है।वेस्ट बैंक के हिस्सों को मिलाने के इजरायल की योजना के खिलाफ मार्च में शामिल होने वाले स्थानीय लोगों ने कहा कि दर्जनों फिलिस्तीनियों ने रामल्लाह के उत्तर में तुरमुस अय्या गांव में प्रदर्शन किया।
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अफगान सरकार के वित्तीय संस्थानों में भ्रष्टाचार चरम पर
अफगान सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प ले चुकी है, इसके बावजूद वित्तीय संस्थानों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। वॉचडॉग ने यह जानकारी दी। टोलो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट (एसीसीआई) के अधिकारियों ने कहा कि सरकार अपनी भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति में विफल रही है।उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा देश की संपत्ति और राजस्व की लूट को बर्दाश्त नहीं करने की शपथ लेने के बावजूद शीर्ष सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप बढ़ गए हैं।एसीसीआई के प्रमुख खान जान ने कहा, "जबरन वसूली और मजबूत लोगों की भागीदारी बढ़ गई है और सरकार उनका सामना करने में नाकाम रही है। सबसे खतरनाक बात यह है कि कभी-कभी उच्च स्तर के अधिकारियों की इसमें भागीदारी रही है, यहां तक की मंत्री स्तर पर भी।"
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'चीन, रूस, ईरान अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे'
एक शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने चेतावनी दी है कि चीन, रूस और ईरान आगामी तीन नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।बीबीसी के मुताबिक, शुक्रवार को जारी बयान में देश के 'नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्युरिटी सेंटर' (एनसीएससी) के निदेशक विलियम एवानीना ने कहा है कि विदेशी ताकतें वोटिंग को प्रभावित करने के लिए मतदाताओं की प्राथमिकताओं को बदलने, अमेरिकी नीतियों को बदलने, 'देश में कलह' को बढ़ाने और हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अमेरिकी लोगों के विश्वास को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।हालांकि, काउंटर-इंटेलिजेंस प्रमुख ने कहा, "हमारे विरोधियों के लिए मतदान के परिणामों को हस्तक्षेप या हेरफेर करके बहुत ज्यादा प्रभावित करना मुश्किल होगा। "उन्होंने कहा कि कई देश चाहते हैं कि चुनाव के नतीजे उनकी प्राथमिकता के मुताबिक हो। उन्होंने आगे कहा, "हालांकि वे चीन, रूस और ईरान के नजरिए को लेकर ज्यादा चिंतित हैं।"
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