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सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह रविवार तक अपना पद छोड़ दें, नहीं तो संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार रहें। प्रधानमंत्री ओली द्वारा 20 दिसंबर को सदन भंग करने और चुनाव कराए जाने की घोषणा के बाद, नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी राजनीतिक रूप से दो गुटों में विभाजित हो गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी को ओली के फैसले को पलट दिया और सरकार को उसके फैसले के 13 दिनों के भीतर सदन को बुलाने का निर्देश दिया।
ओली और प्रचंड की अगुवाई वाले दो धड़े नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के लिए दावा ठोक रहे हैं और दोनों का कहना है कि उनके पास केंद्रीय समिति के साथ-साथ संसदीय दल में भी अधिकांश सदस्य हैं।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो गुटों के बीच अनबन तब और भी बढ़ गई, जब दोनों पक्षों के शीर्ष नेताओं को एक-दूसरे के गुटों से निकाल दिया गया।
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हाल में विश्व पर्यटन शहर महासंघ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में कुल वैश्विक पर्यटन राजस्व को 45 खरब अमेरिकी डॉलर में बहाल किया जाएगा, जो वर्ष 2019 के 70 प्रतिशत से अधिक तक जा पहुंचे, जिनमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि सबसे अधिक है। विश्व पर्यटन शहर महासंघ एक वैश्विक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन संगठन है। इस संगठन द्वारा प्रकाशित किया गया '2021 विश्व पर्यटन आर्थिक रुझान रिपोर्ट' के अनुसार, वर्ष 2020 में महामारी की वजह से कुल वैश्विक पर्यटन राजस्व द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे न्यूनतम स्तर पर गिर गया। अनुमान है कि वर्ष 2021 में कुल वैश्विक पर्यटन राजस्व को 45 खरब अमेरिकी डॉलर में बहाल किया जाएगा, जिन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि सबसे अधिक है।
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यूपीएस फाउंडेशन एवं यूपीएस हैल्थकेयर कोविड-19 वैक्सीन की सतत वैश्विक आपूर्ति एवं एक समान वितरण की सुविधा देने के लिए तीव्रता से काम कर रहे हैं। कोवैक्स, गवि, द वैक्सीन अलायंस एवं केयर के सहयोग से यूपीएस प्रारंभ में उन देशों को 2 करोड़ खुराक के वितरण की सुविधा देगा, जहां वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। यूपीएस इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट, स्कॉट प्राईस ने कहा, "यह हमारी जवाबदेही है कि हम दुनिया में कोविड-19 वैक्सीन के एक समान वितरण की सुविधा दें। यूपीएस वैश्विक पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप्स के नेटवर्क में सक्रिय कार्य को प्रेरित कर रहा है, ताकि वैक्सीन ज्यादा प्रभावशाली एवं एक समान रूप से पहुंचाई जा सकें। हम उन देशों पर केंद्रित हैं, जहां संसाधन सीमित होने के साथ आपूर्ति सीरीज एवं बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है। हमारा लक्ष्य सहज और प्रतिबद्धता अटल है। जो है सबसे अनमोल, उसे करीब ला रहा है, जहां को आगे बढ़ा रहा है।"
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द गार्जियन ने बीबीसी की झूठी खबरों को समर्थन दिया, लेकिन विदेशी नेटिजेंस ने इसपर सहमति नहीं जतायी। उन्होंने कहा कि आप बीबीसी की तरह भ्रष्ट हैं। कुछ नेटिजेंस ने झूठ का पदार्फाश किया कि बीबीसी ने नकली समाचार खरीदने के लिए चीन विरोधी तथाकथित 'विद्वान' एड्रियन जेनज के समर्थन में पैसे खर्च किये। "क्या विदेशी मीडिया को चीन से नफरत है?" यह 2 मार्च को चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चीन स्थित ब्रिटिश राजदूत कैरोलिन विल्सन द्वारा पूछा गया एक सवाल है। इस सवाल का सामना करते हुए, चीनी नेटिजन्स ने तुरंत ही विभिन्न उत्तर दिए और सबसे शक्तिशाली जवाब हमेशा तथ्य होते हैं।
उसी समय, बीबीसी और अन्य ब्रिटिश मीडिया ने परीक्षण के सवालों का जवाब देने के लिए कुत्ता-बिल्ली की दौड़ की तरह एक एक करके झूठी खबरें जारी कीं।
पहला बीबीसी है। 2 मार्च को बीबीसी के प्रसिद्ध झूठे समाचार निर्माता चीन स्थित संवाददाता शालेइ ने चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) द्वारा कुछ साल पहले की गयी शिनच्यांग के गरीब क्षेत्रों में युवा महिला श्रमिकों की जांच रिपोर्ट का पहला भाग निकालकर पुन: तोड़-मरोड़ कर पेश किया और विवरण बदलकर उसे चीनी सरकार के मजबूर श्रम के सबूत के रूप में बनाया। जब चाइना मीडिया ग्रुप ने पहले समय पर इसका पदार्फाश किया और अन्य चीनी मीडिया ने भी इसकी रिपोर्ट की, तब द गार्जियन ने एक लंबा लेख जारी कर कहा कि थिंक टैंक को पता चला है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बीबीसी की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है।
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अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने म्यांमार के रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दो वाणिज्यिक संस्थाओं को व्यापारिक काली सूची (ट्रेड ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को बताया कि वाणिज्य विभाग ने म्यांमार के खिलाफ और अधिक प्रतिबंधात्मक निर्यात नियंत्रण कदमों की भी घोषणा की।
अमेरिका ने पिछले महीने म्यांमार के कई सैन्य नेताओं को नामित किया था और म्यांमार की सैन्य या सुरक्षा बलों से संबंधित तीन संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
राष्ट्रपति यू विन मिंत और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची सहित नेशनल काउंसिल फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के अन्य अधिकारियों को 1 फरवरी को सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद म्यांमार में आपात स्थिति घोषित कर दी गई थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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