उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सामूहिक विवाह समारोह के तहत गरीब लड़कियों का विवाह कराने वाली योजना सवालों के घेरे में है। 18 फरवरी को हुए समाजिक काम के नाम पर धोखाधड़ी की वजह से पूरा कार्यक्रम विवादों में घिर गया है। योजना के तहत जनपद की कई गरीब लड़कियों की शादी कराई गई थी और उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बिछिया और पायल दिया गया था। लेकिन विवाह मे मिले चांदी के सामान को बेचने के लिए नवविवाहित महिलाएं जब जेवर के दुकान पहुंची तो पता चला कि जेवर चांदी की बजाय लोहे का है।
नाराज महिलाओं ने प्रदर्शन के बाद डीएम श्रीकांत से शिकायत की है। डीएम ने इस मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया है, लेकिन नाराज महिलाएं आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए।
डीएम ने विवाह समारोह में दिए गए आभूषणों के मामले में जांच कमिटी गठित कर दी है। जांच कमिटी का अध्यक्ष समाज कल्याण अधिकारी विनीत तिवारी को बनाया गया है। डीएम ने आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान भी रोक दिया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार पात्र कन्या को एक मोबाइल फोन और 35 हजार रुपये देती है। इनमें से 20 हजार रुपये सरकार सीधे कन्या के खाते में भेजती है। 10 हजार रुपए से लड़की के लिए कपड़े, चांदी की पायल, चांदी बिछिया और सात बर्तन देने का नियम है।
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