कहने को तो उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गाय को लेकर बहुत चिंतित रहती है। उनके लिए राज्य में कई परियोजनाओं का भी ऐलान किया गया। ऐसी ही एक परियोजना है ‘गौशाला परियोजना’। इस परियोजना के तहत पशुपालन के लिए शेड बनाने का काम किया जाता है। लेकिन अब सरकार गायों के लिए फंड नहीं दे रही है। अंग्रेजी अखबरा ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई महीने से गौशाला परियोजना की फंडिंग बंद कर दी गई है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में अबतक कई जानवरों की मौत हो चुकी है।
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पैसे न मिलने से गौशाला चलाने वाले पंचायत प्रमुख नाराज बताए जा रहे हैं। बांदा जिले के एक दर्जन से अधिक पंचायत प्रमुखों ने पैसे नहीं मिलने पर गायों को छोड़ने की धमकी दी है। इसके लिए पंचायत प्रमुखों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि अगर 25 दिसंबर तक उन्हें घन और उनकी बकाया राशि नहीं दी गई तो वे गौशालाओं से जानवरों को छोड़ना शुरू कर देंगे। पत्र में कहा गया है, ‘हम 2018 से 43 गौशालाएं चला रहे हैं, जब राज्य सरकार ने लावारिस पशुओं के लिए गौशाला बनाए थे।’
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पंचायत प्रमुखों का कहना है कि इस साल अप्रैल से ही हमें कोई धनराशि नहीं दी जा रही है। हम अपने आप ही गौशाला चला रहे हैं। पंचायत प्रमुखों ने जल्द ही धनराशि मिलने की उम्मीद जताई है। जिले के ग्राम प्रधान संघ का एक नेता ज्ञान सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “ग्राम पंचायत प्रमुख के रूप में हमारे कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएंगे। हम तब मवेशियों को छोड़ देंगे, ताकि वे गौशाला में भूख से न मर जाएं।”
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बता दें कि यूपी कि योगी सरकार ने पिछले साल फरवरी में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए गाय कल्याण के लिए 613 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ऐसा कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। वहीं गौशाला के लिए धनराशि नहीं मिलने से पंचायत प्रमुख परेशान हैं और अब गायों को छोड़ने की धमकी दे रहे हैं।
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