केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आईपीएस अफसर वाई सी मोदी को एनआईए (नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी) का महानिदेशक बनाया है। वाई सी मोदी की एक पहचान यह भी है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी 2002 के गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआईटी यानी विशेष जांच दल के सदस्य रहे हैं। वाई सी मोदी जुलाई 2012 तक इस टीम का हिस्सा रहे। इस दौरान एसआईटी ने नरेंद्र मोदी को गुलबर्गा सोसायटी नरसंहार मामले में क्लीन चिट दे दी थी। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गुलबर्गा सोसायटी में 2002 में हुए नरसंहार में सासंद एहसान जाफरी समेत बहुत सारे लोगों की जान गयी थी। फिलहाल सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात मोदी ने गुजरात दंगों के तीन मामलों में जांच की थी। इनमें गुलबर्गा सोसायटी के साथ ही नरोडा पाटिया और नरोडा गाम नरसंहार के मामले शामिल हैं।
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मोदी सीबीआई की उस टीम का हिस्सा भी रहे हैं जिसने हरेन पंडया हत्याकांड की जांच की थी। कहा जाता है कि गुजरात के पूर्व मंत्री हरेन पंड्या ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 27 फरवरी 2002 नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर हुई एक बैठक में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को निर्देश दिया था कि “लोगों को गुस्सा निकालने दो और हिंदुओं की प्रतिक्रिया के रास्ते में न आओ।”
इस बीच एक और आईपीएस अफसर रजनीकांत मिश्रा को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने वाई सी मोदी की नियुक्ति पर मोहर लगायी है। समिति ने मोदी को एनआईए में तुरंत प्रभाव से ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यटी के तौर पर नियुक्त करने की भी सहमति दी है ताकि वह महानिदेशक पद संभालने से पहले सारी बातें समझ सकें। फिलहाल एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार हैं, जिनका कार्यकाल 30 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। वाई सी मोदी इसके बाद महानिदेशक पद संभालेंगे और अपने रिटायरमेंट तक इस पद पर रहेंगे। वाई सी मोदी 31 मई 2021 को रिटायर होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के वफादार और नजदीकी लोगों को अब अहम सरकारी पदों पर बैठाया जा रहा है। इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी 2002 के गुजरात दंगों की जांच में भूमिका रही है। माना जा रहा है कि ऐसी नियुक्तियां उन लोगों को इनाम के तौर पर दी जा रही हैं जिन्होंने मोदी को दंगों के आरोपों से क्लीन चिट दिलवाने में भूमिका निभाई है।
वाई सी मोदी को एनआईए का मुखिया बनाए जाने की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है:
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