पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अख्तियार किए हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस में खुला पत्र लिखकर एक बार फिर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को निशाने पर लिया है। मोदी सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए यशवंत सिन्हा ने कुछ दिनों पहले राष्ट्र मंच का गठन कर पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला था। आगामी 21 अप्रैल को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में राष्ट्र मंच की बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, टीएमसी, आप और आरएलडी के नेता भी शामिल होंगे।
बीजेपी सांसदों को ‘डियर फ्रेंड, स्पीक अप’ कहकर संबोधित करते हुए अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपे अपने पत्र-लेख में यशवंत सिन्हा ने पार्टी के सांसदों से पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है। पत्र में उन्होंने लिखा कि देश में आज महिलाएं पहले से भी ज्यादा असुरक्षित हो गई हैं। आज बलात्कार की घटनाएं रोज की कहानी बन गई हैं और बलात्कारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के बजाय हम उनके समर्थक बन गए हैं।
मोदी सरकार ने खोया जनता का भरोसा
बीजेपी सांसदो को लिखे पत्र में यशवंत सिन्हा ने कहा है कि 2014 में देश की जनता ने हमें अपना भरपूर समर्थन और विश्वास दिया। हम सभी 2014 में मिली सफलता से बेहद खुश और उत्साहित थे और हमें उम्मीद थी कि हम देश को एक सशक्त सरकार देने में कामयाब होंगे। लेकिन सरकार के चार साल पूरे होने के बाद भी हम जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतर पाए हैं। सरकार अब तक पांच बजट संसद में पेश कर चुकी है। इसके अलावा सरकार ने खुद को मिले सभी अवसरों का भी इस्तेमाल कर लिया है, लेकिन उसके परिणाम निराशाजनक रहे हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि हम अपने रास्ते से भटक चुके हैं और मतदाताओं का विश्वास खो चुके हैं।
Published: 17 Apr 2018, 8:39 PM IST
आर्थिक ढांचा ध्वस्त होने के कगार पर
देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए यशवंत सिन्हा ने अपने पत्र में लिखा कि देश का आर्थिक ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर है। देश की आर्थिक स्थिति पर कटाक्ष करते हुए सिन्हा ने लिखा कि आज विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में देश के किसान मुश्किल हालात का सामाना करने पर मजबूर हैं। देश का नौजवान रोजगार के बिना भटकने के लिए मजबूर है।
बैंकिंग घोटालों की तरफ इशारा करते हुए सिन्हा ने लिखा कि पिछले चार सालों में देश के बैंकिंग प्रणाली में सबसे ज्याद भ्रष्टाचार पीएम मोदी के शासनकाल में ही हुए हैं। बड़े कारोबारी बैंकिंग प्रणाली का मजाक बनाकर देश का हजारों करोड़ रूपया लेकर देश से भाग जाते हैं और देश के रक्षक सिर्फ उन्हें भागते हुए देखते रहते हैं।
महिला अत्याचार में हुई बढ़ोतरी
यशवंत सिन्हा ने आगे लिखा कि आज देश में जिस तरह का माहौल बना है उसमें महिलाएं खुद को सुरक्षित नहीं समझतीं। पीएम मोदी के विदेश दौरों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं में व्यस्त हैं और देश में आए दिन महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने लिखा कि कई मामलों में हमारे अपने लोग इस तरह के घृणित काम में शामिल रहे हैं। देश में अल्पसंख्यक सहमे हुए हैं। और सबसे खराब स्थिति ये है कि देश में अनुसूचित जाति-जनजाति और कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ अत्याचार और भेदभाव के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जो पहले कभी नहीं हुआ। संविधान से मिली लोगों को सुरक्षा की गारंटी भी खतरे में पड़ गई है।
Published: 17 Apr 2018, 8:39 PM IST
संसद में गतिरोध के लिए मोदी जिम्मेदार
संसद में लगातार जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए पूर्व विदेश मंत्री ने लिखा कि संसद का नहीं चलना लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक संस्थानों की मर्यादा को कमतर और बदनाम किया गया और संसद एक मजाक बनकर रह गया है। पीएम मोदी ने कभी भी विपक्षी नेताओं के साथ बैठकर गतिरोध खत्म करने की कोशिश नहीं की। जिस वजह से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में बहस नहीं हो पाई। वाजपेयी सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी का हमलोगों को सख्त निर्देश हुआ करता था कि विपक्ष के साथ हर स्थिति में सद्भाव बनाकर रखा जाए ताकि संसद सुचारू रूप से चल सके। और इसीलिए संसदीय नियमों के तहत विपक्ष ने उस दौरान कई बार स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव और अन्य कई चर्चाओं के प्रस्ताव सदन में पेश किए।
पार्टी में तानाशाही
पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने पार्टी को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आज बीजेपी के भीतर लोकतंत्र की जगह तानाशाही ने ले ली है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के मित्र और सहयोगी बताते हैं कि आज पार्टी में लोकतंत्र का हाल ये है कि अब संसदीय दल की बैठक में सांसदों को बोलने भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पहले पार्टी में सभी को अपनी बात कहने की पूरी आजादी होती थी। अब ऐसा होता है कि सिर्फ पीएम बोलते हैं और बाकी सभी उनकी बातें सुनते रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज पार्टी कार्यालय एक कॉरपोरेट कार्यालय की तर्ज पर काम कर रहा है।
वरिष्ठ नेता करें आवाज बुलंद
यशवंत सिन्हा ने मार्गदर्शक मंडल के नाम पर पार्टी में हाशिये पर डाल दिए गए लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं से अपील की कि वे अब खुलकर सामने आएं और देश हित में आवाज उठाएं। उन्होंने लिखा कि मैं कम से कम उन पांच दलित सांसदों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने दलितों पर अत्याचार और उनकी नाराजगी को लेकर पार्टी के भीतर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने आगे लिखा कि मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप भी निर्भीक होकर आवा ज उठाएं। अगर आप अब भी चुप रहते हैं तो आप देश को बड़ा नुकसान पहुंचाएंगे। जिसके लिए आने वाली पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेगी। सिन्हा ने लिखा, मैं विशेष तौर पर व्यक्तिगत रूप से आडवाणी जी और जोशी जी से अपील करना चाहता हूं कि देशहित में खड़े हों और सुधारात्मक कदम उठाएं।
Published: 17 Apr 2018, 8:39 PM IST
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Published: 17 Apr 2018, 8:39 PM IST