आज से डेढ़ महीने पहले दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप पहली बार भारत दौरे पर आए थे। माना जा रहा था कि इससे भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती और भी मजबूत हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी भी बाकी देशों के सामने अमेरिका-भारत की दोस्ती के कसीदे पढ़ते थे, लेकिन इस बात को एक महीना ही हुआ था कि अब इस दोस्ती में दरार दिखने लगी है। वजह कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका की भारत को धमकी है।
Published: undefined
कहानी क्या है पहले वो समझिए। उसके बाद इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि अगर ऐसे समय में देश के प्रधानमंत्री मनमोहन होते तो शायद इस धमकी का जवाब ही अलग तरीके से दिया जाता। दरअसल, अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी कि अगर उसने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर लगी रोक नहीं हटाई तो वह भी इसका जवाब देगा। यानी ट्रंप ने मोदी सरकार को ये बताने की कोशिश की थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अंजाम बुरा होगा। ट्रंप ने साफ कहा था कि इसका जवाब दिया जा सकता है और क्यों नहीं दिया जाएगा!’
Published: undefined
ट्रंप की इस धमकी से दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर बैठे देश के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के आगे घुटने टेक दिए। सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि कुछ देशों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा का निर्यात किया जाएगा। हालांकि, देश की जरूरतों को प्राथमिकता देंगे। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अन्य देश में कितने केस हैं। भारत का ये बयान अमेरिकी चेतावनी के 6 घंटे बाद आया। यानी साफ है कि अमेरिकी की धमकी के आगे मोदी सरकार के लिए कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है, फिर चाहे वो देश की ही बात क्यों ना हो।
Published: undefined
मोदी सरकार की बेबसी का असर सोशल मीडिया पर भी देखा गया। लोग हैरान हो गए कि 56 इंच के सीने की बात करने वाली मोदी सरकार आखिर अमेरिका के इस धमकी का जवाब क्यों नहीं दे पाई। सोशल मीडिया पर लोग मोदी से ट्रंप को उनकी ही भाषा में जवाब देने की मांग कर रहे हैं। लोगों ने मांग की कि वक्त आ गया है कि अमेरिका को भी समझा दिया जाए, नहीं तो आप डरपोक कहलाओगे। यही वजह थी की देखते ही देखते सोशल मीडिया पर #डरपोक_मोदी ट्रेंड करने लगा।
Published: undefined
मोदी सरकार के इस फैसले से ना सिर्फ देश की जनता हैरान है बल्कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टी भी सरकार से इस फैसले को लेकर सवाल कर रही है। पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर विपक्षी पार्टी की ओर से भी अलग-अलग तरीके की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयां और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुंचना जरूरी है।”
Published: undefined
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ट्रंप की इस धमकी पर ट्वीट में लिखा- "वैश्विक मामलों में दशकों के अपने अनुभव में मैंने किसी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार को दूसरे देश की सरकार को इस तरह खुलेआम धमकी देते हुए नहीं सुना। मिस्टर राष्ट्रपति? भारत में जो हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन बनाती है वो "हमारी घरेलू आपूर्ति" के लिए है. यह आपके लिए आपूर्ति का विषय तब बनेगा जब भारत इस दवा को आपको बेचने का फैसला करता है।"
Published: undefined
मोदी सरकार के इस तरह के फैसले से पूर्व की मनमोहन सिंह की सरकार याद आती है। जो देश से बढ़कर किसी को कुछ नहीं समझते थे, फिर चाहे अमेरिका ही क्यों ना हो। मनमोहन सरकार में जब देश की राजनयित देव्यानी से अमेरिका में बदसुलूकी हुई थी, जब मनमोहन सिंह ने अमेरिका के इस हरकत का कड़ा विरोध करते हुए दिल्ली में अमेरिकी एंबेसी की सुरक्षा हटा ली थी, इसके साथ ही भारत ने अमेरिका दूतावास के अधिकारियों को दी जा रही विशेष सुविधाओं को समाप्त भी कर दिया था। भारत के कड़े विरोध के आगे अमेरिका को घुटने टेकने पड़े थे, अमेरिका ने बाद में इस पूरे मामले को लेकर माफी मांगी थी।
Published: undefined
गौरतलब है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना वायरस के लिहाज से अहम दवा माना जा रहा है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक है। बीते हफ्ते सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। सरकार का कहना था कि कुछ विशेष परिस्थितियों में या फिर मानवीय आधार पर ही इसे बाहर भेजा जाएगा।
Published: undefined
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भारत में मलेरिया के इलाज की पुरानी और सस्ती दवा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देश के स्वास्थ्यकर्मी यह दवा एंटी-वायरल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते सरकार ने पिछले महीने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। नासा के वैज्ञानिकों ने भी मलेरिया निरोधक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना से लड़ने में कारगर बताया था। लेकिन सबसे अजीज दोस्त बताने वाले डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद मोदी सरकार के हाथ-पाव फूल गए, यही वजह है कि धमकी के कुछ घंटे बाद ही भारत सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined