निर्वाचन आयोग ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि वह प्रोटोकॉल के अनुसार उत्तर प्रदेश में रामपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) की वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखेगा।
आयोग ने रामपुर से उम्मीदवार एवं वकील महमूद प्राचा द्वारा एक याचिका दायर किये जाने पर अदालत को यह जानकारी दी। उन्होंने वीडियो फुटेज सुरक्षित रखे जाने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र की ईवीएम के सिलसिले में नियमावली का पालन करने के वास्ते आयोग को निर्देश देने का आग्रह किया था।
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निर्वाचन आयोग के वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि किसी भी स्थिति में, आयोग प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में वीडियोग्राफी या सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के वास्ते प्रोटोकॉल का पालन करने को बाध्य है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 16 मई को पारित आदेश में निर्वाचन आयोग के रुख को रिकॉर्ड में शामिल और कहा, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा किसी और राहत के लिए दबाव नहीं डाला गया है। वर्तमान याचिका का उपरोक्त शर्तों के अनुसार निस्तारण किया जाता है।’’
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इस महीने की शुरुआत में, अदालत ने निर्वाचन आयोग से ईवीएम की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज तथा चुनावी प्रक्रिया के वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए अपनाए जा रहे दिशानिर्देशों पर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
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हलफनामे में निर्वाचन आयोग ने कहा कि ईवीएम नियमावली में निर्धारित निर्देशों और समय-समय पर पारित निर्देशों के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में वीडियोग्राफी या सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि फुटेज को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद 45 दिनों तक या सभी चरणों के लिए चुनाव याचिका पर फैसला आने तक सुरक्षित रखा जाता है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को रामपुर में मतदान हुआ था।
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