सीबीआई ने सीबीआई हेडक्वार्टर में ही छापा मारकर सीबीआई के ही एक डिप्टी एसपी के गिरफ्तार किया, जबकि सीबीआई के ही स्पेशल डायरेक्टर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। स्पेशल डायरेक्टर और डिप्टी एसपी दोनों का नाम उस एफआईआर में है जो सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2018 को दर्ज की है। इन दोनों पर मोईन कुरैशी का मामला रफा दफा करने के लिए एक बिचौलिए से करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप है।
आपको याद होगा कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान 15 फरवरी 2014 को आयकर विभाग ने मीट कारोबारी मोईन कुरैशी के करीब 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापे में आयकर विभाग को जो भी मिला हो, लेकिन उसी दौरान एक प्रचार सभा में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी कानपुर के नजदीक अकबरपुर की रैली में इस छापे का जिक्र करते हुए कहा था कि क्या सच्चाई सामने नहीं आनी चाहिए। इसके कोई एक सप्ताह बाद ही मोदी फिर एक रैली में दावा किया था कि इनकम टैक्स विभाग को छापे में कुछ ऐसी रिकॉर्डिंग हाथ लगी है जिसमें एक शख्स 10 जनपथ का भी है। गौरतलब है कि 10 जनपथ तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निवास स्थान है।
इसी केस की जांच पड़ताल सीबीआई कर रही है, जिससे चलते सीबीआई के दो टॉप अफसरों के बीच घमासान मच गया है। सीबीआई ने इसी 15 अक्टूबर को अपने स्पेशलय डायरेक्टर और डिप्टी एसपी देवेंद्र के खिलाफ मोईन कुरैशी से 3 करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोपों की एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर हैदराबाद के एक कथित बिचौलिए की शिकायत पर दर्ज की गई है।
अब आपको बताते हैं मोईन कुरैशी के बारे में।
मोईन कुरैशी कानपुर का मीट कारोबारी है। एक धनी और शिक्षित परिवार से आने वाले मोईन कुरैशी ने देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल और फिर दिल्ली में सेंट स्टीफंस से पढ़ाई लिखाई की है। उसके बाद मोईन कुरैशी ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक छोटे से बूचड़खाने से मीट का कारोबार शुरु किया। कारोबार तेज़ी से बढ़ा और देखते-देखते वह देश का सबसे बड़ा मीट कारोबारी बन गया।
आज की तारीख में मोईन कुरैशी की देश और विदेश में दर्जनों कंपनियां है। लेकिन प्रमुख कंपनी एएमक्यू एग्रो है, जिसका मूल काम मीट निर्यात यानी एक्सपोर्ट करना है। मोईन कुरैशी दिल्ली के छतरपुर में एक आलीशान फार्महाऊस में रहता था। कहते हैं कि इस फार्महाऊस को जर्मनी के एक बड़े आर्किटेक्ट ने डिज़ायन किया है।
मोईन कुरैशी की पहुंच राजनीति और सत्ता के गलियारों में गहरी है और संभवत इसी कारण उस पर जल्दी किसी ने हाथ नहीं डाला। हालांकि चर्चा है कि सीबीआई के दो पिछले डायरेक्टर रंजीत सिन्हा और ए पी सिंह, मोईन कुरैशी से नजदीकियों के चलते मुसीबत में फंस चुके हैं।
फरवरी 2014 में इनकम टैक्स विभाग ने मोई कुरैशी के जिन 15 ठिकानों पर छापा मारा था, उनमें से एक ए पी सिंह का था. जहां से कुरैशी बाकायदा अपना ऑफिस चलाता था। इसी के चलते जनवरी 2015 में ए पी सिंह को यूपीएससी के सदस्य के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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दरअसल मोईन कुरैशी जांच एजेंसियों की नजर में उस समय चढ़ा जब उसने अपनी बेटी की शानदार शादी की। उसकी बेटी एक मॉडल रह चुकी है और एकाध फिल्म में भी काम किया है। उसकी शादी लंदन के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ हुई है।
मोईन कुरैशी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 2015 में विदेशों में पैसा भेजने यानी मनी लॉन्ड्रिंग की एफआईआर दर्ज की थीं। उस पर आयकर चोरी, मनी-लॉन्ड्रिंगऔर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हुए हैं और इनकम टैक्स विभाग और सीबीआई मामलों की जांच कर रहे हैं। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस था, लेकिन अक्टूबर 2016 में कुरैशी दिल्ली हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन के अफसरों को झांसा देकर दुबई फरार हो गया था।
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