शरद पवार, ममता बनर्जी समेत विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई की मांग की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी, जनता दल (सेकुलर) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्यसबा सांसद मनोज झा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने एक संयुक्त प्रेस रिलीज जारी कर जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की है।
Published: 09 Mar 2020, 2:33 PM IST
विपक्षी पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की रिहाई को लेकर बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को संयुक्त प्रस्ताव भेजा है। आठ विपक्षी दलों के नेताओं ने मीडिया में संयुक्त बयान जारी करते हुए कश्मीर में राजनीतिक नजरबंदियों की तुरंत रिहाई की मांग की है। जिन लोगों को नजरबंद किया गया है, उनमें जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती- शामिल हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद तीनों मुख्यमंत्रियों समेत राज्य के अन्य राजनेताओं को नजरबंद किया था। लंबे समय से इन लोगों की रिहाई की मांग की जा रही है.।
Published: 09 Mar 2020, 2:33 PM IST
प्रस्ताव में कहा गया है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में लोकतांत्रिक असहमति को आक्रामक प्रशासनिक कार्रवाई से दबाया जा रहा है। इसने संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के बुनियादी सिद्धांतों को जोखिम में डाल दिया है।" इसमें कहा गया कि लोकतांत्रिक मानदंड़ों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता पर हमले बढ़ रहे हैं।”
Published: 09 Mar 2020, 2:33 PM IST
इसमें आगे कहा गया है कि सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे लोगों को चुप कराने का सबसे सही उदाहरण हैं जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ। फारूक अब्दुल्ला, श्री उमर अब्दुल्ला और श्रीमती महबूबा मुफ्ती को सात महीनों से भी अधिक समय से नजरबंद कर रखना। मोदी सरकार के झूठे दावे में कहा गया है कि इन नेताओं से सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्र हीतों को खतरा हो सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि बीजेपी ने खुद इन नेताओं के पार्टियों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाती रही है।
Published: 09 Mar 2020, 2:33 PM IST
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Published: 09 Mar 2020, 2:33 PM IST