कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को केरल के वायनाड पहुंचे, जहां हाल ही में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ था।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को सांत्वना देते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। राहुल गांधी ने कहा कि मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़ा हूं और उनकी हरसंभव मदद के लिए तैयार हूं। वहीं, प्रियंका गांधी ने भी घटना पर दुख जताते हुए पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
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उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘मेरे लिए तो यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है, लेकिन देखते हैं कि सरकार क्या कहती है।’’
राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला का दौरा किया।
गांधी ने कहा, ‘‘हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना काफी दर्दनाक है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है। इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वास्तव में आपको पता नहीं होता कि उनसे क्या कहना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे लोगों को उनका हक मिले।’’
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प्रियंका ने भी ऐसी ही बातें कहीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों का दर्द अकल्पनीय है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मदद करने और यथासंभव उनका साथ तथा सांत्वना देने के लिए यहां आए हैं।’’ दोनों भाई-बहन यहां चूरलमाला क्षेत्र और मेप्पाडी स्थित एक अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा दो राहत शिविरों का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
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चूरलमाला पहुंचने के बाद बारिश एवं कीचड़ के बावजूद नीले रंग का पारदर्शी रेनकोट पहने राहुल और प्रियंका ने वहां बनाए गए लकड़ी के अस्थायी पुल को पार किया, ‘बेली’ पुल का निर्माण देखा तथा हालात का जायजा लिया। राहुल और प्रियंका डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां शवों को रखा गया है। दोनों ने वहां पीड़ित परिवारों से बातचीत की।
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पार्टी महासचिव एवं अलप्पुझा से सांसद के सी वेणुगोपाल तथा कई अन्य कांग्रेस नेता भी दोनों के साथ थे। इससे पहले, राहुल और प्रियंका सुबह साढ़े नौ बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे तथा फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे।
वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को तबाह कर दिया जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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