बुधवार को सुबह से ही व्हाट्सऐप ग्रुप में एक संदेश तेजी से फॉर्वर्ड किया जा रहा था। जिसमें बुलेट प्वाइंट निम्न संदेश लिखा था:
Big Breaking
यूपी में एक बार फिर से लागू हो सकता है कम्प्लीट लाकडाउन
सूबे में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई गहरी नाराज़गी
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को कम्प्लीट लाकडाउन का दिया सुझाव
हाईकोर्ट की टिप्पणी, कम्पलीट लाकडाउन के बिना नहीं रोका जा सकता कोरोना का संक्रमण
अदालत ने कहा, न तो सरकारी अमला सख्ती दिखाकर बेवजह लोगों को बाहर निकलने से रोक पा रहा है और न ही लोग मान रहे हैं
हाईकोर्ट ने कहा, कम्प्लीट लाकडाउन कर लोगों को घरों में रहने को मजबूर किया जाना ही बेहतर
अगर सरकार फैसला नहीं लेती तो कोर्ट खुद भी जारी कर सकती है कोई आदेश
अदालत की तल्ख़ टिप्पणी, ब्रेड बटर खाने से ज़्यादा ज़रूरी है जीवन को बचाना
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यूपी के चीफ सेक्रेट्री से तीन दिनों में हलफनामा देने को कहा
अदालत ने चीफ सेक्रेट्री से कोरोना की रोकथाम का रोडमैप और एक्शन प्लान पेश करने को कहा
अदालत का चीफ सेक्रेट्री से सवाल, अनलॉक में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इंतजाम लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के कोई इंतजाम हैं या नहीं
अगर संक्रमण रोकने के भी नियम बने थे तो उसका कड़ाई से पालन न करा सकने वाले अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है
अदालत ने चीफ सेक्रेट्ररी से 28 अगस्त को हलफनामा पेश करने को कहा
अदालत ने सात बड़े शहरों लखनऊ - कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, गोरखपुर व झांसी में कोरोना के बढ़ते मामलों पर जताई सख्त नाराज़गी
प्रयागराज के सरकारी अस्पताल में मौतों की बढ़ती संख्या पर अदालत ने ज़िम्मेदार लोगों को लगाई फटकार
अदालत की टिप्पणी, लोगों को भीड़ लगाने से रोकने में नाकाम रहा है सरकारी अमला
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इस खबर के वायरल होने पर योगी सरकार ने सफाई दी। सरकार की तरफ से अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने मीडिया में एक प्रेस नोट जारी करते हुए कि ऐसी खबरें पूरी तरह से अफवाहों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की खबरें अफवाह हैं।
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दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों पर चिंता जाहिर की थी। हाईकोर्ट ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शासन ने कोरोना संक्रमण रोकने के आश्वासन तो दिए लेकिन जिलों में प्रशासन सड़कों पर बेवजह घूमने वाली भीड़, चाय और पान की दुकानों पर इकट्ठा होते लोगों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने वालों पर सख्ती करने में नाकाम रही।
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