देश

वीडियोकॉन ने कर्ज में डूबने के लिए पीएम मोदी की नीति को ठहराया जिम्मेदार

वीडियोकॉन ग्रुप ने कंपनी की खस्ता हालत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को जिम्मेदार ठहराया है। 39 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे समूह ने पीएम मोदी के अलावा सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील को भी अपनी हालत का जिम्मेदार बताया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया वीडियोकॉन ने पीएम मोदी की नीतियों को कंपनी के कर्ज में डूबने की वजह बताया

घरेलू उपभोक्ता उपकरण का निर्माण करने वाली वीडियोकॉन ने कंपनी पर भारी भरकम कर्ज के लिए पीएम मोदी की नीति को जिम्मेदार ठहराया है। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील को भी इसमें घसीटा है। न्यूज वेबसाइट ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वीडियोकॉन ने अपने ऊपर चढ़े कर्ज के लिए पीएम मोदी की नोटबंदी को अहम वजह बताया। वीडियोकॉन के अनुसार, नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद से टेलीविजन बनाने में काम आने वाले कैथोड रे ट्यूब की सप्लाई पूरी तरह से ठप पड़ गई है। इससे कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ा और अपना कारोबार बंद करना पड़ा।

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के ख‍िलाफ इस समय दिवालिया कानून के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में सुनवाई चल रही है। वीडियोकॉन को लोन देने वाले बैंकों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में ट्रिब्यूनल से मांग की है कि अगले 180 दिनों में नीलामी के जरिये इस कंपनी के नए मालिक का चयन किया जाए। इसके बाद कंपनी के वर्तमान मालिकों की तरफ से कंपनी पर अपना अधिकार बचाए रखने के लिए अपील की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान वीडियोकॉन ने कहा कि ब्राजील में कंपनी का तेल और गैस का कारोबार वहां मौजूद लालफीताशाही की वजह से डूबने की कगार पर है। देश की शीर्ष अदालत के बारे में समूह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लाइसेंस रद्द करने की वजह से कंपनी का दूरसंचार का कारोबार ठप हो गया। और इन सबका नकारात्मक असर कंपनी की बैलेंसशीट पर पड़ने की वजह से कंपनी की हालत खस्ता हुई।

Published: undefined

बता दें कि वीड‍ियोकॉन इंडस्ट्रीज वेणुगोपाल धूत की अग्रणी कंपनी है। इस कंपनी पर देश के विभिन्न बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। इन्हीं बैंको ने कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में याच‍िका दायर की थी, जिसे ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। इसके अलावा वीडियोकॉन टेलीकॉम के ख‍िलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई हो रही है।

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करते हुए नवंबर 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था। नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर कारोबार पर इसका असर देखने को मिला था। कई उद्योग-धंधे बुरी तरह तबाह हो गए, जबकि कई लोगों की मौत हो गई।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined