दलित कार्यकर्ता भानु वानकर की मौत के बाद अहमदाबाद में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे गुजरात के वाडगम से विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ पुलिस ने अभ्रद व्यवहार किया है। 17 फरवरी को जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने ट्वीट कर गुजरात पुलिस की बर्बरता का वीडियो शेयर किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि गुजरात पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी का अपहरण कर लिया है।
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इस घटना के बारे में विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के ट्वीटर हैंडर से ट्वीट कर कहा गया है कि वह अहमदाबाद के सहारानपुर में अंबेडकर की प्रतिमा के सामने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने जा रहे थे, तभी गुजरात पुलिस ने रास्ते में ही उनकी गाड़ी को रोककर अपमानजनक तरीके से खींच कर बाहर निकाला। जोकि किसी भी दृष्टिकोण से सही तरीका नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि इस खींचतान में कार की चाभी भी टूट गई। इस प्रदर्शन का आयोजन भानु वानकर के परिवार ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए किया था।
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जिग्नेश मेवाणी ने आगे लिखा कि भानु भाई मामले में जो भी अहमदाबाद और पूरे गुजरात में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा हैं, उन्हें गुजरात पुलिस पकड़ रही है।
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गुजरात के पाटन जिले के डीएम ऑफिस में खुद को आग लगाने वाले दलित कार्यकर्ता भानु वानकर की 16 फरवरी की देर रात मौत हो गई। 15 फरवरी को सरकार की ओर से दी जाने वाली जमीन का हस्तारंण नहीं होने से नाराज होकर भानु वानकर ने अपनी उपर केरोसीन छिड़कर आग लगा ली थी। मौके पर मौजूद पुलिस ने तत्काल आग को बुझाई और उन्हें अस्पताल में दाखिला कराया था।
अहमदाबाद-गांधीनगर हाई-वे पर प्रदर्शन के दौरान जिग्नेश मेवाणी ने कहा, “गुजरात के सीएम विजय रुपाणी अपने आप को नर्मदा नदी में डूबा लेना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि गुजरात किसी के बाप का नहीं है।
उन्होंने हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर से अपील की है कि वो भी इस प्रदर्शन के साथ जुड़ें और इसे आगे बढ़ाएं।
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