जम्मू-कश्मीर में करीब 2 साल से लागू राष्ट्रपति शासन आखिरकार खत्म कर दिया गया है और इसी के साथ लद्दाख और कश्मीर दो नए केंद्र शासित राज्य बन गए हैं। दोनों राज्यों के पुनर्गठन के प्रभाव में आने की तारीख 31 अक्टूबर रखी गई है, जो देश के पूर्व राष्ट्रपति सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी है। 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने घाटी से धारा 370 हटाकर कश्मीर और लद्दाख को दो हिस्सों में बांटा था।
आइए जानते हैं कि आज से जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदल चुका है ?
1. कश्मीर में अब तक राज्यपाल शासन होता था। लेकिन अब लद्दाख और कश्मीर में उप-राज्यपाल होंगे।
2. नए कानून के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला जबकि लद्दाख बिना विधान सभा वाल केंद्र शासित प्रदेश बन गया हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का कार्यकाल अब 6 की जगह 5 सालों का होगा।
3. आज से दोनों राज्यों के लिए हाई कोर्ट एक, जबकि एडवोकेट जनरल अलग होंगे। नए कानून के बाद सरकारी कर्मचारी दोनों केंद्र शासित राज्यों में से किसी एक को ही चुन पाएंगे।
4. नए कानून के मुताबिक दोनों राज्यों में 106 केंद्रीय कानून लागू हो पाएंगे। जिनमें सूचना का अधिकार, केंद्रीय मानवाधिकार आयोग, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने वाला कानून शामिल होंगे।
5. पुनर्गठन के बाद अब जम्मू-कश्मीर में राज्य स्तर पर बने करीब 153 कानून खत्म हो जाएंगे।
6. विधानसभा में SC के साथ साथ अब ST के लिए भी सीटें आरक्षित होंगी।
7. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहले विधान परिषद भी होती थी, लेकिन वो अब नहीं होगी। हालांकि राज्य से आने वाली लोकसभा -राज्यसभा की सीटों की संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
8. नए कानून के बाद कश्मीर से 5 और लद्दाख से एक लोकसभा सांसद ही चुन कर आएगा। इसी तरह से केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर से पहले की तरह ही राज्यसभा के 4 सांसद ही चुने जाएंगे।
9. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ाई जा सकती है, जिसके बाद वहां विधानसभा सीटों की संख्या 90 हो जाएगी।
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