उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार की शाम एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिरने से उसकी चपेट में आकर बड़ी संख्या में लोगों की मौत पर जहां पूरे देश में लोग दुख जता रहे हैं, वहीं वाराणसी में भ्रष्टाचार में डूबे सरकारी तंत्र का विभत्स चेहरा सामने आया है। वाराणसी में अस्पतालकर्मियों द्वारा मृतकों के लाश सौंपने के बदले परिजनों से रिश्वत मांगने की घटना सामने आयी है।
घटना बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल के शव गृह की है, जहां मृतकों के परिजनों को शव सौंपने के एवज में अस्पतलाकर्मियों द्वारा 200 रुपये रिश्वत वसूलने की घटना का वीडियो सामने आया है। इस घटना के बाद मृतकों के परिजनों में काफी नाराजगी देखने को मिली, लेकिन वे सरकारी तंत्र के आगे बेबस और लाचार नजर आए। हालांकि, वहां मौजूद कुछ लोगों ने अपने मोबाइल पर इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया।
जिसके बाद वीडियो के वायरल होते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-पानन में वाराणसी के डीएम योगेश्वर मिश्रा ने अस्पताल के एक सफाई कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कुछ परिजनों ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मृतकों के परिजनों से 200 से 300 रुपये रिश्वत की मांग की गई। घटना के वीडियो में भी अस्पतालकर्मी एक परिजन से लाश सौंपने के बदले रुपये वसूलता नजर आ रहा है।
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मंगलवार शाम वाराणसी कैंट स्टेशन के सामने एक निर्माणाधीन पुल के दो बीम के गिर जाने से उसके नीचे दबकर कई लोगों की मौत हो गई थी। मामले में यूपी सरकार ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश तो दे दिया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में प्रशासनिक लापरवाही और चूक को उजागर कर दिया है।
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