उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में एक बार फिर पुलिस का मानवता को शर्मसार करने वाला चेहरा उजागर हुआ है। मामला बांदा जिला मुख्यालय का है, जहां कुएं में गिर कर मरे एक युवक के शव को पुलिस द्वारा एंबुलेंस की बजाय ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने माना कि पुलिस से चूक हुई है और शव को ले जाने में नियमों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर को इस मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिये गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के कालवन गंज पुलिस चौकी क्षेत्र के निवासी 30 वर्षीय छोटेलाल प्रजापति की गुरुवार रात करीब 8 बजे एक कुएं में गिर कर मौत हो गई थी। पुलिस ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया और उसे ई-रिक्शे पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले गई।
इस संबंध में पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने टोल फ्री नंबर 108 पर फोन कर एंबुलेंस भेजने की मांग की थी, लेकिन कोई एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरन शव ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाना पड़ा।
पुलिस की कारगुजारी यहीं खत्म नहीं होती। बांदा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया है कि पुलिस ने युवक को खुद ही मृत घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा कि शव को अस्पताल लाया ही नहीं गया और न ही घटना की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई है। वहीं, मृतक का शव ले जाने वाले ई-रिक्शा चालक कामता प्रसाद ने बताया कि पुलिस वाले सवारी ले जाने के बहाने जबरन उसके रिक्शे पर शव लाद दिए थे और किराया भी नहीं दिया। इस मामले को लेकर तिंदवारी से बीजेपी के विधायक बृजेश प्रजापति ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसे मानवता को शर्मसार करने वाला पुलिस का चरित्र बताया और कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे।
Published: 07 Sep 2018, 7:03 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 07 Sep 2018, 7:03 PM IST