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उन्नाव रेप पीड़िता की मां की चिट्ठी दो हफ्ते बाद भी चीफ जस्टिस तक नहीं पहुंची, रजिस्ट्रार को देना होगा जवाब

आज (बुधवार) अदालत में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने इस बात की जानकारी दी कि उन्हें अभी तक चिट्ठी मिली ही नहीं है। सीजेआई ने कहा कि अखबार पढ़ने के बाद पता चला कि पीड़िता की मां ने दो हफ्ते पहले उन्हें चिट्ठी लिखी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उन्नाव रेप केस में हर कदम पर साजिश की बू आ रही है। दर दिन ही कुछ ऐसा हो रहा है जो सोचने पर मजबूर कर दे रहा है। मंगलवार को खबर आई की पीड़िता की मां ने दो हफ्ते पहले ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन इतने दिन के बाद भी उनकी चिट्ठी रंजन गोगोई के पास पहुंची ही नहीं थी। आज (बुधवार) अदालत में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने इस बात की जानकारी दी कि उन्हें अभी तक चिट्ठी मिली ही नहीं है। सीजेआई ने कहा कि उन्हें अखबार पढ़ने के बाद पता चला कि पीड़िता की मां ने दो हफ्ते पहले उन्हें चिट्ठी लिखी है।

Published: 31 Jul 2019, 12:15 PM IST

अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट को तलब किया है। इस मामले में गुरुवार को सर्वोच्च अदालत सुनवाई करेगी।

दरअसल बुधवार को चीफ जस्टिस पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले की सुनावई कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने उन्नाव मामले पर ये बात कही कि उन्हें अभी तक कोई चिट्ठी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि पीड़िता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई है। लेकिन मुझे चिट्ठी के बारे में कल ही पता लगा था। मेरे पास अभी तक चिट्ठी नहीं आई है। इस बात से नाराज सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हम यहां पर इस तरह के माहौल के बीच भी सही व्यवस्था को स्थापित करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर इस तरह की बातें निकल कर सामने आती हैं।

Published: 31 Jul 2019, 12:15 PM IST

इसी के साथ चीफ जस्टिस ने अदालत के रजिस्ट्रार को पीड़िता के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही साथ रजिस्ट्रार को इस बारे में जवाब देने को भी कहा गया है कि अभी तक ये चिट्ठी उनके सामने क्यों नहीं आई थी। गुरुवार को जब सुनवाई होगी तो ये रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी, इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।

Published: 31 Jul 2019, 12:15 PM IST

बता दें कि इससे पहले इसी साल जनवरी में पीड़िता की मां ने मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर कराने के लिए कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी। पीड़िता की मां की मांग थी कि मामले को लखनऊ से बाहर दिल्ली भेज दिया जाए, ताकि इसमें निष्पक्ष तरीके से जांच हो सके।

Published: 31 Jul 2019, 12:15 PM IST

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Published: 31 Jul 2019, 12:15 PM IST

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