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केंद्रीय बजट ‘कॉपी-पेस्ट’ एवं ‘आंध्र-बिहार’ बजट, तृणमूल ने वित्त मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

सौगत राय ने कहा कि सत्तापक्ष के सदस्य केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बजट बताकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन यह क्रांतिकारी बजट नहीं, बल्कि ‘एबी बजट’ अर्थात आंध्र प्रदेश एवं बिहार बजट है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

तृणमूल कांग्रेस ने 2024-25 के केंद्रीय बजट को ‘कॉपी-पेस्ट’ और ‘एबी’ (आंध्र प्रदेश-बिहार) बजट बताते हुए लोकसभा में बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोई अर्थशास्त्री नहीं हैं और वह प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर बजट बनाती हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने ‘वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट पर आगे की सामान्य चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए कहा कि वह बजट को लेकर सरकार के खिलाफ पार्टी सदस्य अभिषेक बनर्जी के आरोपों से सहमत हैं।

उन्होंने कहा कि बनर्जी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना और आवासीय योजना के तहत पश्चिम बंगाल को राशि आवंटित नहीं किए जाने के जो आरोप लगाये हैं, वो बिल्कुल सही हैं।

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राय ने कहा कि सत्तापक्ष के सदस्य केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बजट बताकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन यह क्रांतिकारी बजट नहीं, बल्कि ‘एबी बजट’ अर्थात आंध्र प्रदेश एवं बिहार बजट है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल का बजट ‘कॉपी-पेस्ट’ बजट भी है, जिसमें कांग्रेस के न्याय पत्र से योजनाओं को कॉपी-पेस्ट किया गया है, साथ ही शिक्षा योजना के संदर्भ में पश्चिम बंगाल की नकल की गयी है।

दमदम से तृणमूल के सांसद राय ने बजट को निराशाजनक और गरीब-विरोधी भी बताया तथा कहा कि सीतारमण भले ही सातवीं बार वित्त मंत्री बनी हैं, लेकिन वह कांग्रेस के पूर्व के वित्त मंत्रियों की तरह अर्थशास्त्री नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सीतारमण में पूर्ववर्ती विपक्षी वित्त मंत्रियों की तरह दृष्टि नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ऐसी वित्त मंत्री हैं कि पीएमओ ने जो कहा, उसे ‘कॉपी पेस्ट’ करके बजट में डाल दिया।

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राय ने चुनावी बॉण्ड के जरिये भारतीय जनता पार्टी को मिले चंदे का जिक्र भी किया। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को 50 प्रतिशत चुनावी बॉण्ड हासिल हुए हैं।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने कृत्रिम मेधा (एआई) के कारण बेरोजगारी बढ़ने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने एक अध्ययन के हवाले से यह भी कहा कि देश में महंगाई की समस्या बेतहाशा बढ़ रही है, जिससे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित है।

उन्होंने निजी निवेश और कामगारों की कमी का भी मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार ने बजट में इसे लेकर कोई जरूरी उपाय नहीं किये हैं।

उन्होंने रेलवे, विमानन क्षेत्र, जहाजरानी और उच्च एवं स्कूली शिक्षा के बजट में कटौती के लिए सरकार की आलोचना की।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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