प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन हुआ इसका उल्टा। रोजगार देने के बजाए मोदी सरकार में लाखों लोगों की रोजगार चली गई। आलम ये रहा कि बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर को छूते हुए 6.1 फीसदी पर पहुंच गई। इस मामले पर मोदी सरकार को विपक्ष ने खूब घेरा, लेकिन मोदी सरकार इन आंकड़ों को नकारती रही।
Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST
अब जब मोदी सरकार की ताजपोशी हो गई है। अगले ही दिन श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बेरोजगारी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकार ने कहा है कि 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो 45 वर्षों में सर्वाधिक है।
Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST
श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी ज्यादा है। दोनों की अलग-अलग बेरोजगारी दर की बात करें तो देश स्तर पर पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.7 फीसदी है।
Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST
मोदी सरकार में गांव से ज्यादा शहरी लोग बेरोजार हैं। अक्सर लोग रोजगार के लिए शहर की ओर जाते हैं लेकिन ताजा आंकड़ों से पता चला है कि शहरों में बेरोजगारी की दर गांवों से अधिक है। गांवों में फिलहाल 5.3 फीसदी लोग बेरोजगार हैं। वहीं शहरों में ये आंकड़ा 7.8 फीसदी है।
Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST
लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष लीक रिपोर्ट के आधार पर लगातार सरकार पर हमलावर रहा। लेकिन मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता इस आंकड़े को नकारते रहे। सरकार ने अब जब आंकड़े सार्वजनिक किए तो विपक्ष के दावों की ही पुष्टि हुई। इसका मतलब चुनाव की वजह से सरकार आंकड़ों को लोगों से छुपा रही थी।
Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST
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Published: 31 May 2019, 8:04 PM IST