राजस्थान के अलवर में कथित गौरक्षकों की बर्बरता और जुल्म का शिकार हुए मोहम्मद उमर के परिजन आखिरकार 6 दिनों के बाद पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद उमर के शव को अलवर स्थित उसके गांव ले जाया जा रहा है और वहीं उसके जनाजे को दफ्न किया जाएगा। इससे पहले दर्जनों संगठनों से जुड़े लोगों, समाजी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बड़ी तादाद में सरकार के खिलाफ मार्च निकालने की कोशिश की, जिसे पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आगे नहीं बढ़ने दिया। इससे नाराज प्रदर्शकारी बीच सड़क पर बैठ गए और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ नारेबाजी की।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
मोती डोंगरी पुलिस स्टेशन के करीब हुई सभा में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, ‘हम अमनपसंद लोग हैं और किसी भी तरह से स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहते।’ वक्ताओं ने कहा कि सरकार इस मामले में मुकदर्शक बनी हुई है और पुलिस अपनी मनमर्जी कर रही है। उन्होंने कहा, मेवात में आज इंसानों का जानवरों की तरह कत्ल किया जा रहा है। सरकार अपना रवैया बदले वरना इस तरह तो मेवात के साथ-साथ पूरा राज्य अल्पसंख्यकों की कत्लगाह बनकर रह जाएगा। प्रदर्शकारियों ने सवाल उठाया, पुलिस को पहले दिन से ही सारी खबर थी, फिर भी वह खामोश क्यों रही और सख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए?
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में प्ले कार्ड, तख्तियां और बैनर लिए हुए थे जिन पर, नफरत और डर की राजनीति बंद करो, भीड़तंत्र नहीं ये लोकतंत्र है, उमर के कातिलों को गिरफ्तार करो और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करो, जैसे नारे लिखे हुए थे।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
प्रदर्शन के बाद मुस्लिम मुसाफिरखाने में एक बैठक की गई और तय हुआ कि अब इस लड़ाई को कानूनी तरीके से ही लड़ा जाएगा। बैठक में सलाह मशवरे के बाद उमर की लाश का पोस्टमार्टम कराने पर सहमति बनी। उसके बाद वकीलों और कानून के विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया ताकि इस हत्याकांड के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जा सके। इस दौरान ये भी फैसला लिया गया कि उमर के परिजनों को इस लड़ाई के लिए आर्थक मदद भी दी जाए।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
बैठक में ये भी तय हुआ कि आंदोलन की धरती रही मेवात पर मॉब लिंचिंग और गो रक्षा के नाम पर हो रहे नरसंहार के खिलाफ एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा। मेवात के बाद जयपुर में भी इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर एक जनसभा के आयोजन का फैसला लिया गया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सवाई सिंह ने कहा, कब तक जानवरों के नाम पर इंसानियत की हत्या होगी और कब तक सरकारें अपने फायदे के लिए ये खेल खेलती रहेंगी? इस खेल पर अब रोक लगनी चाहिए।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
कानूनी जानकारों की जो समिति गठित की गई है उसकी जिम्मेदारी वकील पैकर फारूक और सैयद शहादत अली को दी गई है। सभा में शामिल होने वाले वकील मोहम्म साजिद ने बताया कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जो रूलिंग है उसके मुताबिक राज्य सरकार का ये फर्ज है कि वह इन कथित गोरक्षकों पर लगाम लगाए। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने जो एएफआईआर दर्ज की है उस पर भी गौर किया जाएगा और अगर उस में कोई कमी होगी या पुलिस ने जान बूझकर कोई कमी छोड़ी होगी तो उस को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
पोस्टमार्टम कराए जाने पर इत्तेफाक राय से फैसला लिए जाने के बाद उमर खान के परिजन और अन्य लोग इतंजार कर रहे हैं कि कब लाश उनके सुपुर्द की जाएगी, ताकि जनाजे और कफन दफन के जरूरी इंतजाम किये जा सकें और एक हफ्ता बाद ही सही पर उमर की लाश को सुपुर्दे खाक किया जा सके।
Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST
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Published: 15 Nov 2017, 7:50 PM IST