कांग्रेस चिंतन शिविर में शनिवार को किसानों के मुद्दे पर चर्चा की। एग्रीकल्चर कमेटी के संयोजक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों की कर्जमाफी, एमएसपी गारंटी कानून आदि मसलों की जानकारी दी और किसानों के मुद्दे पर केंद्र पर भी निशाना साधा। मीडिया के संबोधित करते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि पर जलवायु परिवर्तन का असर, किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना पर चर्चा हुई है। शिविर में कृषि संबंधी समूह की बैठक में करीब 40 लोगों ने अपने विचार रखे, वहीं सुझाव दिया गया कि राष्ट्रीय किसान ऋण राहत आयोग का गठन हो और कृषि को भी उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए।"
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हुड्डा ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, "सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की बात करती रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, बल्कि कर्ज बढ़ गया है। 2014 में किसानों पर 9.64 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जो अब बढ़कर 16.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।"
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी कम कारगर साबित हुई, क्योंकि उसका प्रीमियम ज्यादा जाता है और मुआवजा कम मिलता है। इसलिए सभी फसलों का बीमा होने के साथ-साथ इसे फिर से तैयार करने की जरूरत बताया है।
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इसके अलावा शिविर में किसानों के मुद्दे पर सभी नेताओं ने किसानों के कर्जमाफी पर विचार करते हुए कर्जमाफी से कर्जमुक्ति के लक्ष्य पर काम करने पर विचार किया है। उन्होंने कहा, "यूपीए सरकार ने देशभर में 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था। पंजाब और राजस्थान में किसानों का कर्जा माफ किया। छत्तीसगढ़ में करीब छह हजार करोड़ किसानों का कर्जा माफ किया है।"
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हाल ही में कृषि कानून के किसानों के विरोध और एमएसपी गारंटी कानून का भी जिक्र करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "एमएसपी लीगल गारंटी अनिवार्य होनी चाहिए और एमएसपी स्वामीनाथन सीटू फॉमूर्ला के आधार पर होनी चाहिए।"
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