भयंकर बाढ़ से बुरी तरह तबाह हो चुके केरल की मदद के लिए पूरी दुनिया से लोग आगे आ रहे हैं। बाढ़ से अब तक इस दक्षिणी राज्य में 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान भी हुआ है। ऐसे में केरल की मदद के लिए भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा पूरी दुनिया से लोग आगे आ रहे हैं। जलप्रलय से पूरी तरह तबाह हो चुके केरल के पुनर्निर्माण के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकार ने 10 करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान किया है। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 700 करोड़ रुपये होती है।
इस बारे में मंगलवार को जानकारी देते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि यूएई सरकार ने केरल को 700 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की है। विजयन ने बताया कि यूएई ने, जहां हजारों की संख्या में केरल के लोग रहते हैं, पीएम मोदी को सूचित किया है कि वह केरल को 10 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देंगे। समय से सहायता के लिए यूएई का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, “आज सुबह यूएई के शाह ने हमारे प्रधानमंत्री को बताया और उन्होंने हमारे विधायक यूसुफ अली को इस बारे में सूचित किया है।”
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विजयन ने कहा कि केरल के प्रवासी हमारे लिए मदद का एक बड़ा स्रोत हैं। चूंकि केरल के लोगों ने मध्य-पूर्व में जबरदस्त काम किया है, इस वजह से हमें सरकारों के बीच अच्छे संबंध बनाने में मदद मिली है। विजयन ने बताया, “एक नये केरल का निर्माण करना जरूरी है। है। इसके लिए एक कोष का होना जरूरी है। आज की कैबिनेट बैठक में केंद्र को विस्तृत सूची भेजने का निर्णय लिया गया है। हम राज्य के लिए एक विशेष पैकेज की मांग करेंगे।"
इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बाढ़ राहत कोष से केरल को 500 करोड़ की मदद देने का ऐलान किया है। उनसे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल को 100 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी। कुदरत की मार झेल रहे केरल की मदद के लिए देश के कोने-कोने से लोग आगे आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों ने अपने एक महीने का वेतन केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देने की घोषणा की है।
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वहीं, केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में अब तक करीब 210 करोड़ रुपये की राशि जमा हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 160 करोड़ रुपये देने के लिए बहुत सारे लोगों ने प्रतिबद्धता जताई है। विजयन ने बताया कि दुनिया भर से बहुत सारे लोग मदद के लिए आगे आए हैं और देश के सभी राज्यों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। बता दें कि केरल में बाढ़ के कहर से 3.14 लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। इनमें से करीब 2.5 लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
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