पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान और अलग-थलग पड़ता जा रहा है। पाकिस्तान को चीन से साथ मिलने की उम्मीद थी पर वहां से भी उसे निराशा हाथ लगी है। वहीं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कई देश खड़े हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस न भारत द्वारा आतंक के खिलाफ उठाए हर कदम का समर्थन किया है। इतना ही नहीं इनकी कोशिश है कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद से प्रतिबंधित घोषित कर दिया जाए।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इन तीनों देशों ने बुधवार को प्रस्ताव दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान से संचालित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमूख अजहर मसूद बैल्कलिस्ट हो।
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हालांकि, चीन का अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है लेकिन वह इसका विरोध करेगा इसकी पूरी संभावना है।
बतां दे कि चीन पहले भी सुरक्षा परिषद को मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोकता रहा है। 2016 और 2017 में जैश सरगना पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया गया था लेकिन चीन द्वारा विरोध किए जाने की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था।
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संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति से अज़हर की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध और संपत्ति को जब्त करने के लिए कहा है। रायटर्स द्वारा देखे गए प्रस्ताव के अनुसार, समिति ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का समय दिया है।
आपको बता दें कि भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पेश कर चुका है। लेकिन चीन की वजह से सफलता नहीं मिली। अब संयुक्त राष्ट्र के तीन स्थायी सदस्य अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। अब सबकी नजर चीन के रुख पर है। हालांकि, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात करके आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग मांगा है।
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