उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ पार्टी के दलित सांसदों में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है। प्रदेश के दो दलित सांसदों के बाद अब एक और दलित सांसद ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इटावा से बीजेपी सांसद अशोक दोहरे ने प्रदेश में अपनी ही पार्टी की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पीएम मोदी को शिकायती चिट्टी लिखी है। 2 अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को लेकर दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर दर्ज हुए मुकदमों को लेकर दोहरे ने पीएम मोदी से शिकायत की है।
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पीएम मोदी को लिखे पत्र में दोहरे ने कहा है कि भारत बंद को लेकर यूपी समेत कई राज्यों में पुलिस दलितों और अनुसूचित जाति के लोगों को झूठे मुकदमों में फंसा रही है। इस बहाने दलितों पर अत्याचार शुरू हो गया है और पुलिस दलित समुदाय के निर्दोष लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तामाल करते हुए घरों से निकालकर मारते-पीटते हुए गिरफ्तार कर रही है। दोहरे ने कहा कि पुलिस के इस रवैये से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। दोहरे ने अपने पत्र में कहा कि इस कार्रवाई से दलित समुदाय के लोगों में बीजेपी सरकारों के खिलाफ रोष गहराता जा रहा है।
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इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के रवैये के खिलाफ रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल खरवार ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी। खरवार ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि प्रशासन और जिला अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और उनके साथ भेदभाव करते हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग में भी शिकायत की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अपने पत्र में सांसद ने कहा है कि वो पिछले तीन साल से चंदौली जिला प्रशासन और वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, जो उनके संसदीय क्षेत्र से लगा हुआ इलाका है।
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सांसद छोटेलाल खरवार ने लिखा है कि जब योगी मुख्यमंत्री बने उल्टा उनकी जमीन को ही वन विभाग की जमीन बताया दिया बीजेपी सांसद ने कहा कि इस मामले में उन्होंने दो बार सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, लेकिन सीएम ने उन्हें डांटकर भगा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ पार्टी के क्षेत्रीय नेता साजिश कर रहे हैं और विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी से सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की शिकायत की है।
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इस कड़ी में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने भी अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में 'भारतीय संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन' किया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आरक्षण कोई भीख नहीं है, बल्कि प्रतिनिधित्व का मुद्दा है। उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की गई तो उसके गंबीर परिणाम होंगे।
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